संघर्ष के पर्याय थे प्रो. आचार्य - Khulasa Online संघर्ष के पर्याय थे प्रो. आचार्य - Khulasa Online

संघर्ष के पर्याय थे प्रो. आचार्य

बीकानेर। डूंगर कॉलेज के प्रताप सभागार में रूक्टा एवं राजीव गांाधी स्टडी सर्किल के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को रूक्टा के पूर्व अध्यक्ष एवं शिक्षक नेता स्व. प्रो. अशोक आचार्य की तृतीय पुण्य तिथि मनाई गई। साम्प्रदायिक सद्भाव एवं भाईचारा विषयक इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष हाजी मकसूद अहमद, विशिष्ट अतिथि प्रो. एस.एल.हर्ष रहे तथा अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. सतीश कौशिक ने की। संचालन करते हुए रूक्टा के महामंत्री डॉ. वी.के.ऐरी ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होने से वर्तमान पीढ़ी को प्रो. अशोक आचार्य के शिक्षक एवं समाज हितों के लिये किये गये संघर्ष से अवगत करवाया जा सकेगा। पूर्व प्राचार्य डॉ. एन.के.व्यास ने प्रो. अशोक आचार्य की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा साम्प्रदायिक सौहार्द एवं शिक्षक हितों में किये गये कार्यों का स्मरण किया।
राजीव गांधी स्टडी सर्किल के जिला समन्वयक डॉ. बि_ल बिस्सा ने कहा कि प्रो. आचार्य एक ऐसे व्यक्तित्व थे जो मानवीय गुणों से ओत प्रोत व श्रेष्ठ शिक्षक रहे। डॉ. बिस्सा ने अशोक आचार्य द्वारा डूंगर कॉलेज में विज्ञान संकाय में स्नातकोत्तर एवं बीकानेर में बंद हुई इंजीनियरिंग कॉलेज को पुन: चालू करवाने में दिये गये योगदान के बारे में बताया।
विशिष्ट अतिथि एस.एन.हर्ष ने कहा कि प्रो. आचार्य ऐसे व्यक्तित्व थे जो सदैव निस्वार्थ भाव से समाज हित की बात करते थे।
मुख्य अतिथि पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद ने कहा कि प्रो. आचार्य एक प्रेरणास्पद व्यक्तित्व रहे हैं। उन्होनें कहा कि हमें देश की एकता एवं अखण्डता के लिये कार्य करना होगा साथ ही विघटनकारी ताकतों को रोकना होगा। उन्होनें बाबरी मस्जिद प्रकरण के समय प्रो. अशोक आचार्य द्वारा बीकानेर में साम्प्रदायिक सौहार्द के लिये कार्य की सराहना क ी।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ.सतीश कौशिक ने कहा कि प्रो. अशोक आचार्य ने सदैव डूंगर कॉलेज के एक महत्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में कार्य किया है। उन्होनें कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन से निश्चित रूप से आचार्य के कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, डॉ. बजरंग सिंह राठौड़, डॉ. अरविन्द शर्मा,संजय आचार्य तथा डॉ. जयशंकर आचार्य ने भी अपने विचार रखे। रामपुरिया विधि महाविद्यालय, एम.एस.कॉलेज, नेहरू शारदा पीठ, जैन पी.जी.कॉलेज, रामपुरिया कॉलेज सहित बीकानेर के विभिन्न महाविद्यालयों के संकाय सदस्योंं ने भाग लेकर प्रो. अशोक आचार्य को श्रद्धांजली अर्पित की। अंत में सहायक निदेशक कॉलेज शिक्षा डॉ. राकेश हर्ष ने उद्बोधन में आचार्य को स्मरण करते हुए सभी अतिथियों एवं आगंन्तुकों का आभार व्यक्त किया।

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