
आयुक्त को लेकर रात को बनी सहमति, दिनभर चला हंगामा, कमीशनखोरी से परेशान ठेकेदार ने लगाई फांसी





पाली। पाली नगर परिषद के ठेकेदार के सुसाइड के बाद हंगामा हो गया। शुक्रवार शाम मरने से पहले दो पेज का सुसाइड नोट लिखकर सभापति रेखा भाटी, सभापति के पति राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय और नगर परिषद के लेखा शाखा के नरेश चौधरी को मौत का जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद भाजपा पार्षद, ठेकेदार, राजपुरोहित समाज के लोग और परिवार के लोग धरने पर बैठ गए। शनिवार रात सवा 10 बजे मांगों पर सहमति बनी और धरना खत्म कर परिजन शव का पोस्टमॉर्टम कराने को राजी हो गए। पुलिस ने रात को ही पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।
इससे पहले शनिवार दोपहर चंद्रभान सिंह और पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद 5 सदस्यों की टीम कलेक्टर से बात करने कलेक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन दिनभर बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला था। बातचीत के बीच में ही एडवोकेट भागीरथ सिंह राजपुरोहित गुस्से में बाहर आ गए थे। वहीं रात को धरनास्थल से समाज के लोग नगर परिषद की ओर जाने लगे, जिन्हें बीच रास्ते में ही पुलिस ने रोक लिया था। इस पर वे रोड जाम कर वहीं बैठ गए थे।
दरअसल, पाली के ढाबर गांव (रोहट) के रहने वाले ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित ने अपने घर में कमरे में पंखे से लटककर जान दे दी थी। मामले के बाद भाजपा पार्षदों के साथ परिवार सभापति के इस्तीफे और सभी दोषियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़ गए थे। ये पहली बार नहीं है कि, भाजपा पार्षदों ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है। इससे पहले भी सभापति और उसके पति पर परेशान का आरोप लग चुका है।
भाजपा पार्षदों ने सभापति को हटाने की मांग की
पाली नगर परिषद में का बोर्ड है। सभापति रेखा भाटी है, लेकिन पार्टी के पार्षद ही उनके खिलाफ है। ठेकेदार की मौत के बाद पार्षद तेजाराम भायल ने कहा कि नगर परिषद में भाजपा के 30 पार्षद एकजुट होकर सभापति रेखा भाटी को हटाने की मांग की थी। एमएलए, जिलाध्यक्ष, प्रदेश महामंत्री तक बात पहुंचा चुके हैं कि ये भ्रष्ट है। पार्टी ने भी हमारी सुनवाई नहीं की। इससे पहले भी भाजपा पार्षद सभापति का विरोध कर चुके हैं।
प्रदेश महामंत्री ने पार्षदों से की बात
भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य और पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा ने कहा कि बीजेपी के पार्षद पहले से सभापति से परेशान है। पार्षद, ठेकेदार, जनता सब परेशान है। सभापति की जगह उनका पति राकेश भाटी सारा काम देखता है। नगर परिषद में गलत काम को लेकर पहले धरना-प्रदर्शन भी किया और पार्टी को भी बताया। प्रदेश महामंत्री मदन सिंह दिलावर पहुंचे। उन्होंने पार्षदों से बात की।
ये हैं मांगें
सभापति रेखा भाटी, सभापति के पति राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय और नगर परिषद के लेखा शाखा के नरेश चौधरी की गिरफ्तारी
ठेकेदार हनुमान सिंह के बकाया रुपए देने
मृतक के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी
आयुक्त को संस्पेंड और सभापति को बर्खास्त किया जाए।
पुलिस को दो पेज का सुसाइड नोट मिला
इससे पहले पुलिस को ठेकेदार हनुमान की जेब से दो पेज का सुसाइड नोट मिला था। जिसमें लिखा था...
मैं हनुमान सिंह। नगर परिषद पाली में मेरे द्व/ह्य हनुमान सिंह मूल सिंह व सत्यम कंस्ट्रक्शन फर्म है। नगर परिषद में चरम सीमा पर व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से आयुक्त व सभापति रेखा भाटी के पति राकेश भाटी व लेखा शाखा के अधिकारी ज्यादा कमीशन के चक्कर में कई ठेकेदारों का भुगतान नहीं करते हैं या कम करते हैं। मेरे लगभग 2 करोड़ रुपए बकाया हैं, पिछले 2-3 साल से भुगतान अपने मनमाने ढंग से करने के कारण मेरा भुगतान नहीं हो रहा है।
लगभग 2 करोड़ बकाया होने से मैं बैंक लोन का डिफॉल्टर भी हो गया हूं। ईएमआई नहीं भर पा रहा हूं। साधन बेचने पड़ रहे हैं। कलेक्टर महोदय मेरा बकाया भुगतान नगर परिषद से करवाने तथा भुगतान की जांच करावें, ताकि किसी और को ऐसा कदम नहीं उठाना पड़े। मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिसके दोषी नगर परिषद आयुक्त व राकेश भाटी हैं।
मेरे पुत्र-पुत्रियों एवं पोते-नाते और मिसेज को प्यार..., अलविदा- घर से रुपए लगाकर भी इज्जत चली जाए और रोज घुट-घुटकर मरने से तो एक बार मरना अच्छा...।'
गेट तोडक़र देखा तो पंखे से लटके मिले
ठेकेदार के बेटे भंवर सिंह राजपुरोहित (31) ने बताया कि शुक्रवार को घर में मां और पिता ही थे। शुक्रवार शाम करीब चार बजे मां ने पिता को चाय के लिए आवाज लगाई तो मकान के फस्र्ट फ्लोर से वह नीचे नहीं आए। न ही कोई जवाब दिया। उन्हें बुलाने उनकी मां गई तो सीढिय़ों का दरवाजा बंद मिला।
इस पर उन्होंने आस-पड़ोस के लोगों और रिश्तेदारों को बुलाया। दरवाजे का गेट तोडक़र कमरे में गए तो पिता पंखे से फंदा लगाकर लटके मिले। फौरन नीचे उतार कर उन्हें बांगड़ हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मोच्र्युरी में बॉडी रखवाते समय मिला सुसाइड नोट
पुलिस हॉस्पिटल पहुंची और पिता के कपड़ों की जांच की तो जेब से दो पेज का सुसाइड नोट मिला। पिता ने मौत से पहले सुसाइड लिखा था। उसमें नगर परिषद सभापति रेखा भाटी, सभापति के पति राकेश भाटी, आयुक्त बृजेश रॉय और नगर परिषद के लेखा शाखा के नरेश चौधरी की ओर से बकाया पेमेंट जारी करने के बदले अनुचित रूप से 10 प्रतिशत कमीशन मांगने से आहत होने की बात लिखी।
