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बाबा सिद्दीकी को गोली मारने वाला आरोपी गिरफ्तार, पुलिस को बताई यह बात

खुलासा न्यूज नेटवर्क। मुंबई के बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में यूपी स्ञ्जस्न और मुंबई क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर शिव कुमार उर्फ शिवा को नेपाल बॉर्डर से 19 किमी पहले नानपारा में पकड़ा है। उसके चार मददगार भी दबोचे गए। शिव कुमार नेपाल भागने की फिराक में था। गिरफ्तार आरोपियों में अनुराग कश्यप, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी, आकाश श्रीवास्तव, और अखिलेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं। सभी बहराइच में गंडारा गांव के रहने हैं। ये शिव कुमार को शरण देने और नेपाल भागने में मदद कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक, शिवा मुंबई में 12 अक्टूबर को हुए बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल था। हत्या के बाद से वह फरार था, जबकि उसके दो साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे।

शिव कुमार ने पूछताछ में खुलासा किया कि वह लॉरेंस गैंग के लिए स्क्रैप डीलर शुभम लोनकर के जरिए काम करता था। हत्या के लिए उसे 10 लाख रुपए देने का वादा किया गया था। हत्या के बाद शिव कुमार मुंबई से फरार होकर झांसी, लखनऊ होते हुए बहराइच पहुंचा और नेपाल भागने की प्लानिंग बना रहा था।

लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई ने कहा था कि हत्या के बदले 10 लाख मिलेंगे

शिव कुमार ने पूछताछ में बताया, मैं और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं। पूना में स्क्रैप का काम करता था। मेरी और शुभम लोनकर की दुकान अगल-बगल थी। शुभम लोनकर लॉरेंस विश्नोई के लिए काम करता है। उसने मेरी बात स्नैप चैट के जरिए लॉरेंस के भाई अनमोल विश्नोई से कई बार कराई है। अनमोल ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के बदले मुझसे कहा था कि 10 लाख रुपए मिलेंगे। हर महीने भी कुछ न कुछ मिलता ही रहेगा।’

हत्या के लिए असलहा, कारतूस, सिम व मोबाइल फोन शुभम लोनकर व मोहम्मद यासीन अख्तर ने दिया था। हत्या के बाद आपस में बात करने के लिए तीनों शूटरों को नए सिम व मोबाइल फोन दिए गए थे। पिछले कई दिनों से हम लोग मुंबई में बाबा सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे। 12 अक्टूबर की रात सही मौका मिलने पर हम लोगों ने बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी। उस दिन त्योहार होने के कारण पुलिस और भीड़-भाड़ भी थी। जिसके कारण दो लोग मौके पर पकड़ लिए गए थे और मैं फरार हो गया।

मैंने फोन रास्ते में फेंक दिया था और मुंबई से पूना चला गया। पूना से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंचा। बीच-बीच में मैं अपने साथियों व हैंडलर्स से किसी का भी फोन मांग कर बात करता रहा। अनुराग कश्यप से मैंने ट्रेन से एक यात्री से फोन मांग कर बात किया था, तो उसने यह कहा था अखिलेंद्र, ज्ञान प्रकाश और आकाश ने मिलकर तुम्हें नेपाल में छिपाने की व्यवस्था कर ली है। इसीलिए मैं बहराइच आया और अपने साथियों के साथ मिलकर नेपाल भागने की फिराक में था।

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