
20 साल बाद आतंकी मसूद अजहर की वापसी, कहा- मोदी कमजोर, नेतन्याहू चूहा, बाबरी वापस लेकर रहेंगे






20 साल बाद आतंकी मसूद अजहर की वापसी, कहा- मोदी कमजोर, नेतन्याहू चूहा, बाबरी वापस लेकर रहेंगे
खुलासा न्यूज़। पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के स्पीच देने का दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि उसने बहावलपुर की मस्जिद में अपने समर्थकों के बीच भारत और PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ स्पीच दी। बाबरी मस्जिद का भी जिक्र किया।
शुक्रवार को जब इस बारे में मीडिया ने सवाल किया तो भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा-
पाकिस्तान हमेशा कहता रहा है कि अजहर उसके देश में नहीं है। ऐसे में अजहर की स्पीच से पाकिस्तान का दोगलापन उजागर होता है।
जायसवाल ने कहा कि अजहर 2019 के पुलवामा आतंकी हमले का मास्टरमाइंड था और उसे यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की तरफ से वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। हम मांग करते हैं कि उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उसे कानून के कटघरे में लाया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अजहर ने तुर्की में 1924 में खिलाफत के खत्म होने के 100 साल पूरे होने पर भाषण दिया है। यह भाषण 3 दिसंबर को जैश के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुआ। इसमें मसूद ने भारत, PM मोदी और इजराइली PM नेतन्याहू के खिलाफ बातें कही हैं।
अपने भाषण में अजहर कहता है-
मुझे शर्म आती है कि मोदी जैसा कमजोर शख्स हमें चुनौती देता है या फिर नेतन्याहू जैसा ‘चूहा’ हमारी कब्र पर नाचता है… मुझे बताएं कि क्या 300 लोग भी नहीं हैं जो मेरी बाबरी को वापस पाने के लिए लड़ सकें?
अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद के कैडर्स को भारत और इजराइल के खिलाफ नए सिरे से जिहदी अभियान शुरू करने और दुनिया में इस्लाम का राज कायम करने की अपील की। वह भाषण के दौरान कई बार चिल्लाता रहा, ‘भारत तुम्हारी मौत आ रही है।’
जैश-ए-मोहम्मद ने यह नहीं बताया है अजहर ने अपना भाषण किस तारीख को और कहां पर दिया। हालांकि, जैश से जुड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म पर पहले भी मसूद अजहर के पुराने भाषण जारी किए जाते रहे हैं; लेकिन यह पहला ऐसा भाषण है जिसके बारे में कहा जा सकता है कि यह नया है, क्योंकि इस भाषण में गाजा जंग का जिक्र किया गया है।
मदरसे में दिया था भाषण
भारत के खुफिया अधिकारी ने द प्रिंट से कहा कि मसूद अजहर का यह भाषण शायद पिछले महीने के आखिर में पाकिस्तान के बहावलुपर के बाहर 1000 एकड़ में फैले उम्म-उल-कुरा मदरसा और मस्जिद परिसर में हुआ था।
यह वही जगह है जिसे 2019 में पाकिस्तानी सरकार ने अपने कब्जे में लेने का दावा किया था, लेकिन स्थानीय निवासियों के अनुसार, वहां आज भी जैश-ए-मोहम्मद का कब्जा है और सुरक्षा के लिए हथियारबंद गार्ड तैनात हैं। 2022 में पाकिस्तान के तब के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने कहा था कि अजहर अफगानिस्तान भाग गया है।
संसद हमले के अलावा पठानकोट-पुलवामा हमले का भी मास्टरमाइंड है अजहर
अजहर भारत में एक नहीं बल्कि कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है। संसद हमले के अलावा मसूद 2016 में हुए पठानकोट हमले का भी मास्टरमाइंड है। इस मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, मसूद ने भारत पर हमलों के लिए जैश-ए-मोहम्मद के कैडर का इस्तेमाल किया था। उसने 2005 में अयोध्या में राम जन्मभूमि और 2019 में पुलवामा में CRPF के जवानों पर भी हमला करवाया था। इसके अलावा मसूद 2016 में उरी हमले और अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में भारतीय कॉन्सुलेट पर अटैक का भी जिम्मेदार है। अजहर अल-कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन और तालिबान फाउंडर मुल्ला उमर का खास था।
1994 में पहली बार भारत आया था मसूद अजहर
मसूद अजहर पहली बार 29 जनवरी, 1994 को बांग्लादेश से विमान में सवार होकर ढाका से दिल्ली पहुंचा था। 1994 में अजहर फर्जी पहचान बनाकर श्रीनगर में दाखिल हुआ था। उसका मकसद हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी और हरकत-उल-मुजाहिदीन गुटों के बीच तनाव कम करना था। इस बीच भारत ने उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए अनंतनाग से गिरफ्तार कर लिया था। तब अजहर ने कहा था- कश्मीर को आजाद कराने के लिए 12 देशों से इस्लाम के सैनिक आए हैं। हम आपकी कार्बाइन का जवाब रॉकेट लॉन्चर से देंगे। इसके 4 साल बाद जुलाई 1995 में जम्मू-कश्मीर में 6 विदेशी टूरिस्ट्स को अगवा कर लिया गया। किडनैपर्स ने टूरिस्ट के बदले समूद अजहर को रिहा करने की मांग की। इस बीच अगस्त में दो टूरिस्ट किडनैपर्स की कैद से भागने में कामयाब हो गए। हालांकि, बाकियों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी।


