विद्यार्थियों को फीस भरने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे कॉलेज

विद्यार्थियों को फीस भरने के लिए मजबूर नहीं कर सकेंगे कॉलेज

जयपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन है। यह लॉकडाउन का दूसरा चरण है। ऐसे में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग कॉलेजों और दूसरे शिक्षण संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे विद्यार्थियों को फीस भरने के लिए मजबूर नहीं करें साथ ही एआईसीटीई ने कहा है कि इस दौरान अगर किसी को नौकरी से हटाया गया है तो उसे वापस लिया जाए। जानकारी के अनुसार एआईसीटीई के पास कई ऐसी शिकायतें आई जिसमें कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान नौकरी से हटा दिया गया और कई इंजीनियरिंग कॉलेज विद्यार्थियों से फीस मांग रहे हैं, फीस भरने के लिए बाध्य कर रहे हैं, कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं कर रहे हैं और उन्हें नौकरी से हटा रहे हैं इसके बाद एआईसीटीई ने यह नोटिफिकेशन जारी किया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव प्रो.राजीव कुमार ने इसके लिए 7 बिन्दुओं की एक गाइड लाइन जारी की है। उन्होंने अपने नोटिफिकेशन में बताया कि एआईसीटीई के संज्ञान में आया है कि कुछ संस्थान विद्यार्थियों पर जोर दे रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान फीस भरनी चाहिए जिसमें रजिस्ट्रेशन फीस भी शामिल है। यह स्पष्ट किया जाता है कि कॉलेजों और संस्थानों को तब तक फीस भरने के लिए जोर नहीं दें जब तक कि लॉकडाउन खत्म नहीं हो जाता और सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो जाती है। अगर लॉकडाउन के दौरान किसी को नौकरी से हटाया गया है तो उसे वापस लिया जाए। एआईसीटीई ने अपने नोटिफिकेशन में 7 प्रमुख बिन्दुओं को शामिल किया है, जिसमें विद्यार्थियों से फीस नहीं मांगे, कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करेने, फेक न्यूज पर ध्यान नहीं देने, पीएम स्पेशल स्कॉलरशिप स्कीम, ऑनलाइन क्लास, इंटर्नशिप और इंटरनेट की सुविधा आदि को शामिल किया है।

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