
बीकानेर: किसानों और व्यापारियों को बड़ा झटका, ये है वजह





बीकानेर: किसानों और व्यापारियों को बड़ा झटका, ये है वजह
राजस्थान में मूंगफली की राजधानी कहे जाने वाले बीकानेर के किसानों और व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है। इंडोनेशिया सरकार ने भारत से मूंगफली के आयात पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश 27 अगस्त 2025 को जारी किया गया था और 3 सितंबर से प्रभावी हो गया है। अब इस फैसले का सीधा असर बीकानेर की मूंगफली मंडियों पर दिखना शुरू हो गया है, जहां मूंगफली की आवक तो हो रही है, लेकिन भावों में गिरावट का डर मंडराने लगा है। इंडोनेशिया की क्वारिन्टाइन अथॉरिटी (आईक्यूए) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत से भेजी जा रही मूंगफली में एफ्लाटॉक्सिन की मात्रा तय मानकों से अधिक पाई गई। इसी के चलते इंडोनेशिया ने मूंगफली के आयात पर अस्थाई रोक लगाते हुए कहा है कि आगामी शिपमेंट्स की दोबारा जांच और सैंपलिंग की जाएगी।
भारत से इंडोनेशिया को हर साल करीब 2.25 लाख टन मूंगफली जाती है, जिसका बड़ा हिस्सा राजस्थान, खासकर बीकानेर जिले से निर्यात होता है। यह वही मूंगफली है जो अपने मीठे स्वाद और बड़े दाने के लिए विदेशी बाजारों में लोकप्रिय है। बीकानेर में इस वर्ष 2.90 लाख हेक्टेयर में मूंगफली की बुआई की गई है। कृषि विभाग के मुताबिक, 8.70 लाख मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान है। वर्तमान में बीकानेर की प्रमुख अनाज मंडियों में मूंगफली 4500 से 6500 प्रति क्विंटल तक बिक रही है। लेकिन इंडोनेशिया की इस रोक के बाद व्यापारियों को डर है कि निर्यात ठप पड़ने से भाव में 10-15% गिरावट आ सकती है।
अगर आने वाले महीनों में भारत ने भंडारण और क्वालिटी जांच प्रणाली को सख्त नहीं किया, तो आने वाले सीजन में वियतनाम और चीन जैसे बाजार भी दूरी बना सकते हैं। सरकार और निर्यात एजेंसियों को चाहिए कि वे किसानों को एफ्लाटॉक्सिन नियंत्रण की तकनीक सिखाएं, जैसे खेतों में जलभराव से बचाव, कटाई के तुरंत बाद सुखाई और वैज्ञानिक गोदामों में भंडारण।




