Gold Silver

दलित बच्चों की कटिंग नहीं करने के मामले में इस गांव पहुंची टीम,जुटाएं तथ्य

खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिले के जसरासर क्षेत्र के गांव मुंदड़ में एक कटिंग के दुकानदार द्वारा तीन बच्चे को नीची जाति का बताकर कटींग नहीं करने व धक्का देकर बाहर निकालने के मामले को लेकर सामाजिक न्याय एवं विकास समिति के सचिव गोपाल राम वर्मा के नेतृत्व में एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ग्राम मुंदड़ पहुंची और पीडि़त परिवार से मिली। पीडि़त बच्चों ने बताया की वे पढ़ते हैं और स्कूल में बताया जाता है कि संविधान में सभी को समान अधिकार है तो फिर हमारे साथ भेदभाव क्यों, हमारी जाति को छोटा क्यों माना जाता है।एक बच्चे के पिता शिवलाल सांसी ने कहा कि हमें गांव कि परम्परा तोडऩे के नाम पर प्रताडि़त किया जाता है, अभी भी गुलामी की जिंदगी जीने को मजबूत किया जा रहा है इसका प्रभाव बच्चों पर पड़ता है।सामाजिक कार्यकर्ता मोहनराम ने बताया कि गांव के ही कुछ लोग इस मामले को तूल से रहे हैं, जातिगत भेदभाव किसी भी प्रकार से गलत है।गोपाल राम वर्मा ने बताया की इस प्रकरण की रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग व उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर पीडि़तों को न्याय दिलाने की मांग की जाएगी। टीम में स्थानीय कार्यकर्ता शामिल रहे।
गौरतलब है कि पुलिस थाना जसरासर में 16 फरवरी को मुंदड निवासी शिवलाल सांसी ने रिपोर्ट दी कि 13 फरवरी को मेरे बच्चे रेवंतराम उम्र 15 वर्ष ओर मेरे छोटे भाई राजूराम का लड़का बिश्नाराम उम्र 15 वर्ष व बजरंगलाल उम्र 11 वर्ष गाँव मे नाई की दुकान पर कटिंग करवाने गए । दुकान पर चेनाराम नाई पहले से उच्च वर्ग के बच्चों की कटिंग कर रहा था इंतजार के बाद दुकान में कटिंग के लिए लगी कुर्सी पर रेवंतराम बैठ गया। लेकिन चेनाराम नाई ने वापस कुर्सी से नीचे उतार दिया ओर कहा कि तीनों की कटिंग नही करूँगा क्योकि सांसी जाती के लोगों की कटिंग करने से दुकान नहीं चलेगी। बिश्नाराम ने कहा कि दुकान लगी है तो कटिंग करनी पड़ेगी, तभी दुकानदार ने तीनों बच्चों को धक्का देकर जातिसूचक गालियां निकालने का मामला दर्ज करवाया था।

Join Whatsapp 26