राजस्थान के शिक्षा मंत्री के इस आदेश से टीचर्स हो गये कन्फ्यूज्ड - Khulasa Online

राजस्थान के शिक्षा मंत्री के इस आदेश से टीचर्स हो गये कन्फ्यूज्ड

राजस्थान के शिक्षा मंत्री के इस आदेश से टीचर्स हो गये कन्फ्यूज्ड

बीकानेर। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की ओर से हाल ही जारी किए गए आदेशों ने एक बार फिर शिक्षकों की उलझन बढ़ा दी है। एक ओर शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को ऑनलाइन सर्वे करने एवं टॉपर छात्रों के फोटो अपलोड करने जैसे निर्देश दिए हैं। वहीं दूसरी ओर प्रधानाचार्य के अलावा अन्य शिक्षकों का विद्यालय में फोन रखना प्रतिबंधित कर दिया है। अब शिक्षक इन आदेशों से उलझन में है। वजह, ऑनलाइन कार्य बिना एंड्राइड मोबाइल के संभव नहीं हैं। इसको लेकर शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं। प्रदेश स्तर पर हाल ही में शिक्षा मंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग की थी। इसमें नए शिक्षा सत्र को लेकर दिशा-निर्देश दिए गए हैं।इसमें मुख्य रूप से 6 से 18 वर्ष तक के हाउसहोल्ड सर्वे का एप के माध्यम से ऑनलाइन सर्वे करने, प्रत्येक विद्यालय में प्रति छात्र 5 पौधे लगाने और उसकी ऑनलाइन प्रविष्टि करने एवं प्रत्येक विद्यालय में पौधारोपण पर पोस्टर बनाने और चार टॉपर छात्रों के फोटो अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों का कहना है कि यह ज्यादातर काम ऑनलाइन हैं, जो बिना एंड्राइड मोबाइल के संभव नहीं हैं। वहीं दूसरी ओर सभी शिक्षकों को विद्यालय में एंड्राइड मोबाइल फोन लाना वर्जित कर दिया है। ऐसे में शिक्षक दुविधा में हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।
पीईईओ के पास 2 बाबू एवं एक कम्प्यूटर अनुदेशक उपलब्ध हैं। इसलिए ऑनलाइन कार्य यह लोग कर सकते हैं। शिक्षक अब शिक्षण कार्य और अच्छे से कर पाएंगे। ये कदम स्वागत योग्य है।
प्रत्येक विद्यालय में 10 प्रतिशत नामांकन वृद्धि सुनिश्चित करें।
ट्रांसफर वाउचर और स्कॉलरशिप समय पर भेजें।
10 जुलाई तक 100 प्रतिशत पुस्तकें वितरित हों।
अधिकारी प्रत्येक गांव में रात्रि चौपाल कर विद्यालय की शिक्षा स्थिति के बारे में जानकारी लें।
शिक्षक अवकाश को शाला दर्पण स्वीकृति में अवकाश पर रहे।
प्रार्थना सभा में सूर्य नमस्कार की निरंतरता को बनाए रखें।
कोई धार्मिक कार्य विद्यालय समय के बाद ही करें।
प्रत्येक विद्यालय में मूवमेंट रजिस्टर का उपयोग जरूर करें। प्राय देखा जा रहा है कि कई विद्यालयों में 6-6 महीनों से कोई मूवमेंट नहीं लिखा गया है।
विद्यार्थी डायरी और शिक्षक डायरी का नियमित रूप से संधारण करें और समय-समय जांच करें।
प्रत्येक विद्यालय छात्रों को शैक्षिक भ्रमण जरूर कराए।
शौचालय सफाई और टंकी सफाई नियमित रूप से करें।
बोर्ड परीक्षा में भेजे गए सत्रांक के अनुसार ही बोर्ड परीक्षा में नंबर आने चाहिए।

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