
ओपीएस और अध्यापक स्थानांतरणों को लेकर शिक्षकों में आक्रोश, 18 सितंबर को बीकानेर में होगा धरना






खुलासा न्यूज नेटवर्क। शिक्षक दिवस पर राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) द्वारा राज्यभर में आयोजित शिक्षक पंचायतों में पेंशन, अध्यापक स्थानांतरण, स्थानांतरण नीति, शिक्षा नीति और गैर शैक्षिक कार्यों से मुक्ति के अलावा वेतन स्थिरीकरण व स्थाईकरण जैसे रोजमर्रा के कार्यों को अकारण लटकाए रखने की विभागीय अधिकारियों की प्रवृत्ति जैसे मुद्दों पर शिक्षकों का दर्द छलक उठा था। राज्य भर में आयोजित शिक्षक पंचायतों में हुए विमर्श में तीखेपन के साथ यह उभर कर आया कि केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस के स्थान पर यूपीएस का विकल्प देने, राज्य में ओपीएस की सुनिश्चितता के लिए कर्मचारियों द्वारा निरंतर आवाज उठाने के बावजूद राज्य सरकार की खामोशी ने ओपीएस के संबंध में कर्मचारियों की आशंका को बहुत बढा दिया है। शिक्षक पंचायतों में शामिल शिक्षकों का यह स्पष्ट सुझाव था कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना को बचाने के लिए मजबूती से संघर्ष के मैदान में उतरना चाहिए। शिक्षक और छात्र विरोधी शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ और अध्यापकों के न्यायपूर्ण स्थानांतरण के लिए निर्णायक आंदोलन का ऐलान इन शिक्षक पंचायत में किया गया।
राज्य के शिक्षकों की भावना, राज्यभर में संपन्न शिक्षक पंचायत में छलके शिक्षकों के गुस्से और पंचायतों में लिए गए निर्णयों के अनुरूप राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा कर दी है। आंदोलन के क्रम में ओपीएस सहित अध्यापकों के स्थानांतरण, पदोन्नति तथा स्थाईकरण आदि विभागीय मांगों को लेकर 18 सितंबर को बीकानेर में शिक्षा निदेशालय के समक्ष विशाल धरना आयोजित किया जाएगा। संगठन के पदाधिकारियों की आज संपन्न वर्चुअल बैठक में आंदोलन को व्यापक बनाने और तेज करने की रणनीति बनाई गई। आन्दोलन को व्यापक बनाने के लिए 22 सितंबर को राजधानी जयपुर में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यशाला में संगठन के प्रतिनिधियों के अलावा कुछ पीडि़त शिक्षकों और आंदोलन में सहयोग करने के इच्छुक विशिष्ट शिक्षक एवं कर्मचारी प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। संगठन ने ऐलान किया है कि ओपीएस सहित कर्मचारियों की ज्वलंत मांगों को लेकर कर्मचारी महासंघ और स्कूल टीचर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर 26 सितंबर को राज्यभर में जिला मुख्यालयों पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों में राजस्थान के शिक्षक बड़ी संख्या में शामिल होंगे। राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने सरकार को चेतावनी दी है कि शिक्षक और कर्मचारियों की इन मांगों पर सकारात्मक निर्णय करें अन्यथा राज्य में सरकार को बड़े आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।


