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मोटापा और मानसिक समस्याओं से छुटकारा पाने में कारगर है चाय, जानें इसे पीने के सही तरीके

मोटापा हर एक के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। इसकी रोकथाम के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाले चीजों में से एक है ग्रीन और लेमन टी। अब सवाल यह है कि दोनों में से कारगर कौन है? क्या ग्रीन या लेमन टी मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है?

हाल ही में अमेरिका में हुई एक स्टडी के मुताबिक, चाय से डिप्रेशन का रिस्क कम हो जाता है। स्टडी में 23 हजार लोगों को शामिल किया गया, इसमें पाया गया कि जो लोग दिन में 3 कप ग्रीन या लेमन टी पी रहे हैं उनमें डिप्रेशन का रिस्क औरों की तुलना में 37% कम है।

स्ट्रोक के रिस्क को कम करती है चाय
चाय के कई फायदे हैं। यह कई तरह की जानलेवा बीमारियों के रिस्क को कम करता है। स्टडी में पाया गया कि चाय से स्ट्रोक और क्रोनरी हार्ट डिसीज का रिस्क भी कम हो जाता है।

ग्रीन टी के फायदे
इससे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे शरीर में फैट तेजी से नहीं बढ़ पाता। यह हमारे नर्वस सिस्टम को शांत रखता है और पेट से जुड़े हार्मोंस जैसे कोर्टिसोल से तनाव कम करता है। साथ ही यह डायबिटीज को भी कंट्रोल करता है और हाई ब्लड प्रेशर से भी निजात दिलाता है।

लेमन टी के फायदे
लेमन टी में सामान्य चाय की तुलना में बेहद कम कैलोरी होती है। इसमें चीनी की जगह शहद मिलाने से ये दोगुना असर करती है। नींबू में विटामिन-C होता है, जो खून से गंदगी निकालता है। नींबू में मौजूद पोटैशियम हमारे मेटाबॉलिज्म और पाचन क्रिया को तेज करता है। विटामिन-C से वजन कम करने में भी मदद मिलती है।

लेमन टी के इस्तेमाल के तरीके
काली चाय में नींबू रस डालकर पीना वेट घटाने में भी मददगार होता है। अदरक, दालचीनी, तुलसी से लेमन टी की मेडिसिनल प्रॉपर्टीज को बढ़ाया जा सकता है।

दोनों में कौन है बेहतर
विशेषज्ञ मानते हैं कि ग्रीन टी में मौजूद एल-थिएनाइन और पॉलीफिनोल जैसे तत्व इसे वजन कम करने के लिए अधिक फायदेमंद बनाते हैं, लेकिन ग्रीन टी अधिक पीने से कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं। लेमन टी में भी वेट कम करने में कारगर है, लेकिन उतनी नहीं जितनी ‍कि ग्रीन टी।

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