
सावधानी बरतें अन्यथा बढ़ सकते हैं कोरोना के मामले






नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों की वृद्धि दर बहुत ज्यादा नहीं होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को सावधान किया है कि वे इस मामले में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतें। ये मामले कभी भी तेजी से बढऩा शुरू हो सकते हैं। साथ ही दूसरी बीमारियों के मरीजों की उपेक्षा को लेकर भी सावधान किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने राज्यों को पत्र लिख कर कहा है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि कोरोना की वजह से दूसरी बीमारियों से निपटने के कार्यक्रम प्रभावित नहीं हों। इसमें खास तौर पर टीकाकरण कार्यक्रम और जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य पर ध्यान रखने को कहा गया है।
कोरोना जांच के अभाव में मना न करें
केंद्र सरकार ने कहा है कि कई निजी अस्पतालों में कोरोना के डर से डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, कीमोथेरेपी और प्रसव करवाने से मना करने की शिकायतें मिली हैं। साथ ही हर मरीज को अनिवार्य रूप से कोरोना जांच करवाने कीभी शिकायतें हैं। राज्यों को कहा गया है कि कोरोना जांच रिपोर्ट के अभाव में किसी मरीज को गंभीर इलाज से इनकार नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्हें कहा है कि वे सभी निजी अस्पतालों का लॉकडाउन के दौरान भी खुलना सुनिश्चित करें ताकि मरीजों को समस्या नहीं हो।


