तबादलों के रोक के बाद भी शिक्षा विभाग में हो रहे है तबादले






बीकानेर। शिक्षा विभाग में बैकडेट में हो रहे तबादलों के बीच जिला शिक्षा अधिकारियों के सामने असमंजस की स्थिति बनी हुई है। तबादले वाले शिक्षा अधिकारियों को कार्यमुक्त करने के स्पष्ट आदेश के बावजूद रिलीव नहीं होने वाले प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा करने के लिए निदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इसके चलते कुछ जिला शिक्षा अधिकारियों ने ऐसे कुछेक अधिकारियों की अनुशंसा भी निदेशालय को भेज दी लेकिन अनुशंसा के साथ ही उनके तबादले में संशोधन के आदेश जारी हो गए। ऐसे में कार्रवाई की अनुशंसा करने पर प्रधानाचार्य जिला शिक्षा अधिकारियों से नाराज होने लगे हैं। डीईओ का कहना है कि यदि निदेशक को तबादलों में संशोधन करना है, तो डीईओ को मोहरा क्यों बनाया जा रहा है?
प्र्रदेश में तबादलों पर प्रतिबंध लगा हुआ है लेकिन तबादलों के बैकडेट आदेश अब भी जारी हो रहे हैं। कई संशोधित आदेश भी जारी हो रहे हैं। जानकारों की मानें, तो अकेले 29 सितम्बर की तारीख के संशोधित आदेश में अब तक करीब एक हजार व्याख्याताओं व प्रधानाचार्यों को राहत दी जा चुकी है। वहीं ऐसे दर्जनों व्याख्याता है, जो गंभीर बीमारी के बावजूद दूसरे जिलों में तबादला होने से परेशान है।
थ्री-डी की चर्चा
प्रदेश में इन दिनों थ्री-डी की चर्चाएं जोरों पर है। सबसे अधिक चर्चाएं शिक्षा विभाग में हो रही है, जहां तबादलों पर रोक के बावजूद मशक्कत चल रही है। शिक्षा मंत्री पारदिर्शता के साथ तबादलों करने के दावे कर रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि जनप्रतिनिधियों की डिजायरों को भी महत्व नहीं मिला है।
सेटिंग का खेल
गत सरकार के समय शहरी क्षेत्र के स्कूल में पदस्थापित हुए कुछ शिक्षा अधिकारी सरकार बदलने के बाद भी शहरी क्षेत्र के स्कूलों में जमे हुए हैं। कुछेक को गत दिनों तबादला आदेश से हटा दिया गया था लेकिन बाद में उन्हें संशोधित आदेश से और अधिक अच्छे स्थान पर पदस्थापित किया गया है। गत सरकार के समय तत्कालीन जनप्रतिनिधि की डिजायर पर उन्हें शहर का स्कूल मिला और इस बार वर्तमान जनप्रतिनिधि की डिजायर काम कर गई।

