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पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के नाक के नीचे खुले आम बिक रही है भांग से बनी मिठाई, भुजिया, होली पर लाखों रुपये का लेन-देन

बीकानेर (शिव भादाणी) बीकानेर की होली देखने प्रवासी भी आते है होली के दस दिन पहले ही शहरवासियों में होली का रंग चढ़ जाता है और फाल्गुनी बयान छाने लग जाती है। थंब पूजन के साथ ही होली की शुरुआत हो जाी है। शहर के मुख्य चौकों में अलग अलग रम्मतों का आयोजन होता है जिसमें ख्याल गाये जाते है। इसके साथ ही युवाओं व बुजुर्ग में भांग की डिमांड बढ़ जाती है। शहर में अब भांग की हर चीज बनने लगी है. मिठाई से लेकर नमकीन तक हर चीज में होली के अवसर पर विशेष रूप से भांग डाली जाती है. करीब पांच दिनों में भांग से बनी हर चीज पर लोग लाखों का कारोबार कर लेते हैं. साथ ही भांग से बनी मिठाई और नमकीन के दाम भी दुगुने हो जाते हैं.सबसे पहले भांग भुजिया और माजम से शुरू हुई, जो अब मिठाइयों और आइसक्रीम तक पहुंच गई है. वैसे तो शहर में कचौड़ी, दूध राबडिय़ा और पापड़ सहित कई ऐसे खाद्य उत्पाद है जिसमें भांग का सर्वाधिक इस्तेमाल होता है. इन दिनों बीकानेर में भुजिया के अलावा माजम और केसर कुल्फी की सर्वाधिक मांग है.
माजम की डब्बी 400 रुपए से लेकर 1500 रुपए तक मिलती है
माजम गुलकंद और ड्राई फूड्स से बना एक ऐसा खाद्य उत्पाद है जिसमें भांग की मात्रा होती है। माजम की एक डब्बी 400 सौ से 1500रुपए तक मिलती है शहर में होली के दौरान माजम की मांग बढ़ जाती है और होली के रसिया के पास सुलभता से मिल जाती है. माजम के अलावा सर्वाधिक मांग होली के दौरान भांग से बनी केसर कुल्फी की रहती है. शहर के लगभग सभी आइसक्रीम पार्लर पर भांग से बनी केसर कुल्फी उपलब्ध हो जाती है.
मिठाईयो और नमकीन के दाम हुए दुगुने
रोजाना बादाम की कतली 500 से 600 रुपए तक आती है, लेकिन भांग निर्मित बादाम कतली 1000 रुपए में बेची जा रही है. वही गुलाब जामुन 250 से 350 रुपए तक मिलते है, लेकिन भांग निर्मित गुलाब जामुन 700 से 800 रुपए मिलते है, मोतीपक और दिलखुसाल भी 700 से 800 रुपए बिक रही है. वही भुजिया आमतौर पर 160 से 200 रुपए किलो मिलता है, जबकि भांग के भुजिया 400 रुपए किलो बिक रहे है. साथ ही चॉकलेट और आइसक्रीम भांग निर्मित 100 रुपए में बिक रही है. वहीं 10 रुपए में बिकने वाली कचौड़ी अब 20 रुपए में बिक रही है. कई ऐसे खाने का आइटम है जो भांग मिलाकर बेच जा रहे है।

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