
सूरत कपड़ा मार्केट आग पर 30 घंटे बाद बुझी आग – 800 राजस्थानी बर्बाद,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान







सूरत कपड़ा मार्केट आग पर 30 घंटे बाद बुझी आग – 800 राजस्थानी बर्बाद,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान
खुलासा न्यूज़। गुजरात में सूरत के टेक्सटाइल मार्केट में भीषण अग्निकांड सामने आया है। एक अनुमान के अनुसार सूरत के रिंग रोड पर स्थित शिव शक्ति टेक्सटाइल मार्केट में आग लगने से 500 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। मार्केट मे आग मंगलवार को लगी थी लेकिन बुधवार सुबह सात बजे एक बार फिर से आग लग जाने से स्थिति बिगड़ गई थी। दमकल की दर्जनों गाड़ियों और कर्मचारियों ने करीब 30 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
मार्केट की बेसमेंट मे लगी आग
जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह बाजार के बेसमेंट में आग लग गई, जहां कपड़ा स्टॉक रखा हुआ था। अग्निशमन कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया, लेकिन बुधवार सुबह आग फिर भड़क उठी। यह तेजी से चार मंजिला इमारत में फैल गई। इसके बाद स्थिति बिगड़ती चली गई। सूरत के शिव शक्ति कपड़ा बाजार में बुधवार को लगी भीषण आग पर काबू पाने के लिए 30 दमकल गाड़ियों के साथ अग्निशमन कर्मियों को 30 घंटे से अधिक समय तक संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान लगभग आधी दुकानें जलकर खाक हो गईं। गनीमत यह रही कि इस आग की चपेट में आने से कोई जनहानि नहीं हुई।
28 फरवरी की दोपहर 12 बजे शिवशक्ति मार्केट (सूरत) में काफी फायर ब्रिगेड और पुलिस की गाड़ियां थीं। पुलिस ने मार्केट की तरफ जाने वाले रास्ते बंद कर आम लोगों और व्यापारियों की एंट्री बंद कर रखी थी। 3 दिन बाद भी रह-रहकर मार्केट से धुआं उठ रहा था। फायर ब्रिगेड के कर्मचारी मार्केट को ठंडा करने का काम कर रहे थे। आस-पास में कई व्यापारी खड़े थे। बेबस टकटकी लगाए जले हुए मार्केट को देख रहे थे। यहीं फेडरेशन ऑफ सूरत टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश हाकिम व्यापारियों को ढांढस बंधा रहे थे।
800 राजस्थानी बर्बाद
सबसे पहले हमारी मुलाकात पुखराज राजपुरोहित से हुई। बोले- बेटा! 32 साल पहले जालोर के भीनमाल के छोटे से गांव से सूरत आया था। 17 साल उम्र थी। खाली हाथ इस शहर में आया था। कई साल तक नौकरी की। बाद में इधर-उधर से उधार लेकर दुकान की तो यहां बरकत भी मिली। इस शहर ने मुझे करोड़पति बनाया और आज एक ही रात में रोड पर आ गया। कुछ समझ नहीं आ रहा है कि अब क्या करूंगा? ये बताते-बताते पुखराज का गला भर आया। पास खड़े व्यापारियों ने दिलासा दिया। किसी तरह उन्होंने खुद को संभाला और बोले- रमजान सीजन का टाइम होता है। इसी वजह से दुकान में एडवांस में स्टॉक कर रखा था। आग से 6 करोड़ का नुकसान हो गया। हमारा अकाउंट भी अंदर जल गया है। जिन व्यापारियों से मैंने उधार लिया है, वो भी संकट में आ गए हैं। मुझे अपने व्यवहार को रखने के लिए अपना सब कुछ बेचना पडे़गा। अब नंगा नहाएगा क्या और निचोड़ेगा क्या ? कुएं में ही कुछ नहीं है तो किसी को क्या पानी पिलाऊंगा? आज मेरे 32 साल बर्बाद हो गए हैं।


