उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक ही तृतीय भाषा का अध्ययन मान्य

उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक ही तृतीय भाषा का अध्ययन मान्य

बीकानेर । राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में एक ही तृतीय भाषा का अध्ययन मान्य होगा। संबंधित स्कूल में एक लैंग्वेज सब्जेक्ट होने पर दूसरे की स्वीकृति नहीं दी जाएगी। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने तृतीय भाषा संचालन के संबंध में समस्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक को निर्देश जारी किए हैं।
निर्देश में बताया गया है कि स्टाफिंग पैटर्न के प्रावधानों के मुताबिक प्रत्येक राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक ही तृतीय भाषा का संचालन किया जा सकता है। जबकि विभाग के देखने में आया है कि अनेक जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर ही विद्यालय विशेष में एक तृतीय भाषा का संचालन होते हुए भी अन्य तृतीय भाषा के संचालन की स्वीकृति दे रहे हैं।
जो नियमानुसार सही नहीं है। शिक्षा निदेशक ने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी स्कूल में एक से अधिक तृतीय भाषा के संचालन की स्वीकृति बिना सक्षम स्तर पर दी गई है तो तुरंत प्रभाव से आदेश वापस लिया जाए। उधर, पीसीसी सदस्य व पूर्व महापौर मकसूद अहमद ने इस आदेश का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ये आदेश तृतीय भाषा उर्दू, सिंधी, पंजाबी के छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय है। यह धारा 350ए की अवेहलना है। किसी स्टूडेंट पर कोई विषय थोपा नहीं जा सकता। उन्होंने ने कहा कि सोमवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से इस संबंध में मिलेंगे। मांग नहीं मानी गई तो एक प्रतिनिधिमंडल सीएम से भी मिलेगा।

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