
स्टडी:लॉकडाउन के दौरान नॉन-कोविड मरीजों को इलाज में दिक्कतें आईं







इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने बताया है कि लॉकडाउन के दौरान नॉन-कोविड मरीजों को इलाज में दिक्कत आई। IMCR की नई स्टडी के मुताबिक, लॉकडाउन की वजह से दो-तिहाई नॉन-कोविड पेशेंट को रूटीन चेकअप और हॉस्पिटल जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
स्टडी में शामिल 69% नॉन-कोविड मरीजों को रूटीन चेकअप, 67% को डे-केयर प्रोसिजर और 61% को अस्पताल पहुंचने में मुश्किल हुई। वहीं, 59% को डॉक्टर के अपॉइंटमेंट, 56% को इमरजेंसी ट्रीटमेंट, 47% को दवाइयां मंगाने और 46% को हेल्थकेयर में देरी जैसी चुनौतियों से गुजरना पड़ा। ICMR ने बताया कि क्रोनिक नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज वाले लोगों को इस दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
लॉकडाउन का पहला फेज 25 मार्च 2020 को शुरू हुआ था
देश में कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान मार्च 2020 में पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया। पहला लॉकडाउन 21 दिन के लिए लगाया गया था। बाद में इसे 19 दिन और बढ़ा दिया गया। इसका पहला फेज 25 मार्च से 14 अप्रैल के बीच लागू रहा और दूसरा फेज 15 अप्रैल से 3 मई तक रहा। इसके बाद भी लॉकडाउन अलग-अलग फेज में कुछ रियायतों के साथ लागू रहा। अभी भी देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन जैसे स्थिति है।
देश में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका
फिलहाल, कोरोना महामारी के दूसरे फेज का पीक खत्म हो गया है और तीसरी लहर आने की आशंका है। देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के केसेज में मामूली कमी आई है। रविवार को 36,028 नए मरीज मिले। 39,828 ठीक हुए और 447 संक्रमितों ने जान गंवाई। यह लगातार तीसरा दिन था, जब नए मरीजों से ज्यादा ठीक हुए।


