कजाकिस्तान में उपजे उपद्रव के बीच फंसे बीकानेर के स्टूडेंट्स, नहीं हो रही है घर पर बात

कजाकिस्तान में उपजे उपद्रव के बीच फंसे बीकानेर के स्टूडेंट्स, नहीं हो रही है घर पर बात

बीकानेर। कजाकिस्तान में पेट्रोल व डीजल के दामों में बढ़ोतरीके कारण मचे उपद्रव में भारत के करीब सात हजार स्टूडेंट्स फंस गए हैं। ये स्टूडेंट्स वहां एमबीबीएस सहित कई कोर्स करने के लिए गए हुए हैं। हालांकि सभी भारतीय स्टूडेंट्स सुरक्षित हैं।
दरअसल, कजाकिस्तान में इन दिनों इमरजेंसी लगी हुई है। 19 जनवरी तक इमरजेंसी के चलते वहां नेटबंदी भी हो रही है। बड़े मॉल व मुख्य मार्गों पर आवागमन पर सेना तैनात है। ऐसे में हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को बाहर जाने की इजाजत नहीं मिल रही है। आसपास की दुकानों से जरूरी सामान लेने के लिए स्टूडेंट जा पा रहे हैं। कॉलेज पूरी तरह बंद है। ये स्टूडेंट्स अब हॉस्टल में ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं। कुछ एमबीबीएस स्टूडेंट्स के एग्जाम होने के कारण वैसे ही अवकाश है।
कजाकिस्तान के सात-आठ शहरों में स्थित इन युनिवर्सिटी में भारतीय स्टूडेंट्स एमबीबीएस कर रहे हैं। यहां अल्माटी, अक्टोबे, सिनकेन, कोस्तकोओ, अस्ताना, सेमी, काथगंदा जैसे शहरों में भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। अब तक किसी भी शहर में किसी भी स्टूडेंट के साथ कोई हरकत नहीं हुई है।
अधिकांश स्टूडेंट राजस्थान के
कजाकिस्तान में पढऩे वाले सात से आठ हजार स्टूडेंट्स में आधे से ज्यादा राजस्थान व गुजरात के हैं। इनमें भी राजस्थान के स्टूडेंट्स की संख्या अधिक है। बीकानेर, जयपुर, जोधपुर सहित अनेक जिलों से लड़कियां भी वहां पढ़ रही है। बाहर आसपास की दुकान से अब सामान ला सकते हैं। पहले तो बाहर निकलने पर ही पाबंदी थी। मॉल इत्यादि में जाने पर अब भी रोक है। पहले नेट बंद था तो घर पर बात नहीं हो रही थी लेकिन अब नेट चालू हो गया है। वॉट्सऐप से वीडियो कॉल भी शुरू हो गया है। आसपास की दुकानों से सामान लाने की छूट मिल गई है।

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