सेंट्रल यूनिवर्सिटी के गल्र्स हॉस्टल में स्टूडेंट ने फंदा लगाया, 13 दिन पहले ही लौटी थी घर से - Khulasa Online

सेंट्रल यूनिवर्सिटी के गल्र्स हॉस्टल में स्टूडेंट ने फंदा लगाया, 13 दिन पहले ही लौटी थी घर से

अजमेर। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पढऩे वाली 17 साल की छात्रा ने हॉस्टल में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। स्टूडेंट ने एक महीने पहले 1 जनवरी को हॉस्टल में एडमिशन लिया था। 15 जनवरी को वह हॉस्टल में रहने आई थी। घटना अजमेर के किशनगढ़ में शुक्रवार रात 8 बजे की है। घरवालों का कहना है कि नासमझी में ऐसा कदम उठा लिया होगा।
टोंक के लांबा हरिसिंह निवासी सोनाली ने अक्टूबर में बीएससी माइक्रोबायोलॉजी में एडमिशन लिया था। वह गल्र्स हॉस्टल के ब्लॉक 4 में रहने के लिए आई थी। शुक्रवार शाम को हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं खाना खाने बाहर निकल गई थी। इसी बीच सोनाली ने खुद को कमरे में बंद कर लिया।
रात 9 बजे छात्राएं जब हॉस्टल के कमरे के बाहर पहुंची तो दरवाजा बंद मिला। छात्राओं ने दरवाजा बजाकर सोनाली को आवाज लगाई, लेकिन आवाज नहीं आई तो शक हुआ। इस पर साथी स्टूडेंट्स ने पास वाले रूम की बालकनी से होते हुए सोनाली के रूम की खिडक़ी से देखा तो वह फंदे पर झूलती मिली। यह देख मौके पर छात्राएं घबरा गई और उन्होंने हॉस्टल के वार्डन, सिक्योरिटी गार्ड को घटना की सूचना दी।
जैसे-तैसे सिक्योरिटी गार्ड और वार्डन खिडक़ी तोडक़र अंदर पहुंचे। स्टूडेंट्स ने बताया कि सोनाली ने चुन्नी का फंदा बनाकर गले में डाल दिया था।
संक्रांति के दूसरे दिन ही गांव से लौटी
चचेरे भाई उमेश साहू ने बताया कि हॉस्टल में एडमिशन के बाद छुट्टियों में गांव आई हुई थी। संक्रांति के दूसरे दिन 15 जनवरी को ही गांव से लौटी थी। चचेरे भाई ने बताया कि सोनाली बहुत होशियार थी। उसके एक छोटा भाई केशव और छोटी बहन ज्योति है। सोनाली ने ऐसा कदम क्यों उठाया, यह तो पता नहीं चल पाया। पुलिस जांच कर रही है।
घरवालों का नहीं कोई आरोप
बांदरसिंदरी थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया। कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है। घरवालों ने भी कोई आरोप-प्रत्यारोप फिलहाल नहीं लगाए। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
स्टूडेंट्स के सुसाइड की वजह- अफेयर, पैरेंट्स की महत्वाकांक्षा
​​​​​​​कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स के बढ़ते सुसाइड ने अभिभावकों और सरकार दोनों की चिंता बढ़ा दी है। 2022 में सबसे अधिक कोचिंग स्टूडेंट्स ने जान दी। यह खुलासा सरकार ने अटरू (बारां) विधायक पानाचंद मेघवाल के सवाल के जवाब में किया।​​​​​​​ मेघवाल ने पूछा था 2019 से 2022 में छात्रों की आत्महत्या के कितने केस हुए और क्या कारण थे? सरकार ने माना आत्महत्या की वजह इंटरनल टेस्ट, प्रेम प्रसंग, ब्लैकमेलिंग और अभिभावकों की महत्वाकांक्षा है। सरकार इसी सत्र में कोचिंग में कंट्रोल और सुसाइड रोकने के लिए बिल लाएगी। दूसरी ओर, सरकार ने बताया इन घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए इस सत्र में ही राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट (कंट्रोल एंड रेग्युलेशन-2023) बिल लाया जाएगा।

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