
बीकानेर: करोड़ों के एसटीपी, फिर भी गंदे पानी के बन रहे तालाब







बीकानेर: करोड़ों के एसटीपी, फिर भी गंदे पानी के बन रहे तालाब
बीकानेर। शहर में करोड़ो रुपए की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सैकड़ों किलोमीटर सीवर लाइनें डालने के बाद भी जगह-जगह गंदे पानी के तालाब की समस्या बनी हुई है। इन गंदे पानी के तालाबों में रोज नाले-नालियों का पानी पहुंचता रहता है। एक तरफ जहां कई बीघा जमीन पर दर्जनों एमएलडी गंदा पानी पड़ा हुआ है, वहीं दूसरी ओर एसटीपी की जितनी क्षमता है, उतना पानी एसटीपी में पहुंच ही नहीं रहा है। शहर में करीब एक लाख मकानों के सीवर सुविधा से जुड़ने की बात कही जा रही है। जबकि हजारों मकान अब भी सीवर सुविधा से वंचित हैं। साल दर साल करोड़ों रुपए के सीवर प्रोजेक्ट प्रारंभ हो रहे हैं, लेकिन गंदे पानी के तालाब जस के तस बने हुए हैं। बल्लभ गार्डन क्षेत्र में 40 एमएलडी, सुजानदेसर क्षेत्र में 20 एमएलडी और सरह नथानिया क्षेत्र में 12 एमएलडी क्षमता के एसटीपी संचालित हो रहे हैं। तीनों स्थानों पर स्थापित एसटीपी की कुल क्षमता 72 एमएलडी पानी की है। शहर में तीन स्थानों पर स्थापित एसटीपी 900 किमी से अधिक सीवर लाइनों और करीब एक लाख हाउस कनेक्शन से जुडे़ हुए है। करीब 50 हजार मकान अब भी सीवर सुविधा से वंचित है। शहर की अनुमानत: जनसंख्या लगभग 9 लाख मानी जा रही है। निगम अभियंताओं के अनुसार 5 लाख से अधिक शहर की जनसंख्या सीवर सुविधा से जुड़ चुकी है। निगम के इसी आंकड़े को ही माना जाए, तो चार लाख से अधिक शहर की जनसंख्या अब भी सीवर सुविधा से वंचित हैं। करणी औद्योगिक क्षेत्र में कई बीघा जमीन पर गंदे पानी का तालाब बना हुआ है। यहां रीको के माध्यम से सीईटीपी बनना था। अब तक नहीं बन पाया है। स्थानीय औद्योगिक संगठन लंबे समय से इस गंदे पानी के तालाब की समस्या के स्थाई समाधान के लिए सीईटीपी बनाने की मांग कर रहा है। प्रदूषण नियंत्रण मण्डल भी इस कार्य में अपनी तटस्थता और प्रभावी भूमिका नहीं निभा रहा है।


