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जिले मेेंं तूफान ने मचाई तबाही, तिनके की तरह उड़े सोलर प्लांट्स

जैसलमेर। पश्चिमी राजस्थान में जैसलमेर जिले में एक के बाद एक आ रहे तूफानों ने जर्बदस्त तबाही मचा रखी है. बुधवार रात को आए तूफान से लोग उबरे ही नहीं थे कि गुरुवार रात को आए तूफान ने फिर तबाही मचा दी. तूफान ने तो जिले के समूचे बिजली तंत्र क
मौसम ने दिखाये कई रंग उसके बाद शाम को आये तूफान ने तबाही मचानी शुरू कर दी. आधी रात को यह तूफान रुका. उसके बाद गुरुवार को दिनभर गर्मी का असर रहा. आसमान भी साफ था. गुरुवार को देर शाम अचानक फिर से तूफान की आहट सुनाई दी. कुछ ही घंटों में इस तूफान ने पूरे जिले को अपनी चपेट में ले लिया. रात 9 बजे के बाद से शुरू हुआ तूफान देर रात तक तबाही मचाता रहा. तूफान से सोलर प्लांट्स को काफी नुकसान हुआ है.
40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार इस दौरान 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चली. गांवों में इसकी रफ्तार तकरीबन 50 से 55 किमी दर्ज की गई है. इस तूफान ने 1100 से अधिक बिजली के पोल गिरा दिए. सैकड़ों पेड़ उखड़ गये. तूफान से जिलों में करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया है. इससे पहले बुधवार को 26.6 मिमी बारिश भी दर्ज की गई.
सुल्ताना से उठा तूफान : गुरुवार को देर शाम करीब सात बजे तूफान की शुरुआत जिले के सुल्ताना इलाके से हुई. रेत का बवंडर सबसे पहले वहीं उठा. उसके बाद मोहनगढ़ व नाचना के नहरी क्षेत्र में तेज हवा के साथ बारिश का दौर शुरू हुआ. देखते ही देखते जैसलमेर शहर में भी तेज आंधी और बारिश का दौर शुरू हो गया. यहां कई मकानों पर भी पेड़ गिर गये.
कई गांव व ढाणियों की बिजली गुल : तूफान के कारण पूरे बिजली तंत्र अस्त व्यस्त हो गया. पूरे जिले में बिजली गुल हो गई. गुरुवार शाम तक जिले के 200 से अधिक गांव, एक हजार से अधिक ढाणियों में बिजली गुल रही. डिस्कॉम की टीमें बिजली आपूर्ति करने में जुट गई. लेकिन अभी दो चार दिन का समय और लग सकता है.
जगह-जगह गिरे पेड़ और बिजली के पोल : हवा इतनी तेज थी कि बड़े-बड़े पेड़ भी गिर गए. शहर में भी कई जगह पर टूटकर गिर गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में जगह-जगह का तूफान की तबाही का मंजर साफ देखने को मिल रहा है. रेगितस्तानी इलाके में जगह-जगह बिजली के पोल गिरे पड़े हैं.
सोलर प्लांट्स को भारी नुकसान : तूफान से सर्वाधिक नुकसान सोलर प्लांट्स को हुआ है. कई साइटों पर सोलर प्लेट टूटकर बिखर गई हैं. एक दर्जन से अधिक प्लांट इस तूफान के चलते ठप हो गये हैं. 500 मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन ठप हो चुका है. सोलर प्लांट तिनके की तरह उड़ गए. सीमावर्ती गांव रामगढ़ में तेज तूफान से एक मकान ध्वस्त हो गया. गनीमत रही कि पूरा परिवार एक अन्य कमरे में सो रहा था अन्यथा जान माल का काफी नुकसान हो सकता था.

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