कांटे में फंसी श्रीडूंगरगढ़ पालिकाध्यक्ष की कुर्सी,इस पार्टी को बढ़त के आसार

कांटे में फंसी श्रीडूंगरगढ़ पालिकाध्यक्ष की कुर्सी,इस पार्टी को बढ़त के आसार

खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिले के तीन पालिका चुनावों के कल घोषित होने जा रहे परिणामों में यह तय हो जाएगा कि आखिर पालिका में किसी सरकार बनेगी। इसको लेकर हालांकि जीत हार की गणित पिछले दो दिनों से की जा रही है और दोनों ही राजनीतिक दल अपनी अपनी पार्टी के जीत के दावे कर रहे है। लेकिन कही न कही निर्दलीय प्रत्याशी पालिकाध्यक्ष की कुर्सी काबिज करने में रोड़े बने हुए है। श्रीडूंगरगढ़ पालिका में भी कुछ इसी तरह के हालात बने हुए है। राजनीतिक जानकारों की माने तो यहां भाजपा का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। उनका इसके पीछे बड़ा तर्क पिछले दिनों हुए एक समाज काआन्दोलन है। जिसके चलते कांग्रेस को मुश्किलें झेलनी पड़ सकती है। किन्तु भाजपा के लिये यहां कुशल प्रबंधन से चुनाव न लडऩा भारी पड़ सकता है। जिसका सीधा लाभ कही न कही कांग्रेस को हो सकता है। जिसका नतीजा पूर्व में पंचायत चुनावों में देखने को मिल चुका है। राजनीतिक सूत्र बताते है कि 40 वार्डों की पालिका में भाजपा को 18 से 20 सीटें मिल सकती है। जबकि कांग्रेस भी यहां 15 से 18 सीटों पर सफलता हासिल कर सकती है। वहीं तीन से चार निर्दलीय जीतकर पालिकाध्यक्ष को बनवाने में अपनी भूमिका निभा सकते है। चुनावों के बाद आ रहे रूझानों से दोनों ही पार्टियों ने अपनी अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है और जीतने वाले निर्दलीयों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। यहीं नहीं दोनों की दलों के रणनीतिकारों ने सैंधमारी करने वालों पर भी अपनी पैनी नजर बना रखी है। ताकि मौका मिलते ही तोडफ़ोड की राजनीति कर अपना बोर्ड बनवा सके। अब देखने वाली बात यह रहेगी कि ये निर्दलीय आखिर किसके साथ जाते है और श्रीडूंगरगढ़ में कौनसी पार्टी अपना बोर्ड बनाने में कामयाब होती है। यह तो रविवार को आने वाले चुनाव परिणाम ही तय करेंगे। किन्तु आम चर्चा यह है कि दोनों ही दलों की कांटे की टक्कर में पालिकाध्यक्ष कुर्सी फंसी हुई है।

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