श्रीडूंगरगढ़:अपने ही हो रहे बेगाने,बागी बिगाड़ न दे पालिकाध्यक्ष का गणित

श्रीडूंगरगढ़:अपने ही हो रहे बेगाने,बागी बिगाड़ न दे पालिकाध्यक्ष का गणित

खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिले की श्रीडूंगरगढ़ पालिकाध्यक्ष चुनाव को लेकर अपने ही बेगाने होते नजर आ रहे है और यहां बागी दोनों ही दलों के लिये गले की फांस बने हुए है। जिसके चलते श्रीडूंगरगढ़ में राजनीतिक ड्रामेबाजी परवान पर है। भाजपा और कांग्रेस दोनो के बागी मैदान में उतरने के बाद बाड़ेबंदी में रखे गए परिजनों को साधा जा रहा है। राजनीतिक जानकारों की माने तो आज जिस तरह के हालात पैदा हुए है। उससे ऐसा लगता है कि यहां बहुमत के बाद भी भाजपा की बागी अन्य दलों के पार्षदों के सहयोग से बाजी मार सकती है। किन्तु यह भी नाम वापसी के बाद ही तय हो पायेगा। उधर पालिकाध्यक्ष पद के लिए 4 नामांकन होने के बाद 6 भाजपा पार्षदों के परिजन पुलिस थाने पहुंच गए और अपने परिवार के सदस्य पार्षद के अपहरण का मामला दर्ज करने की मांग की। इंचार्ज थानाधिकारी लाल बहादुर मीणा ने उनको सीओ दिनेश कुमार के पास भेज दिया। सीओ दिनेश कुमार ने उनको इस मामले में अपहरण का मुकदमा नहीं होने और धारा 97 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने का वारंट जारी होने की समझाइश की। इस घटनाक्रम के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उपखंड अधिकारी दिव्या चौधरी पार्षदों को पेश करने के दिशा निर्देश जारी कर सकती है।
कुछ यूं चला घटनाक्रम
खासे वाद विवाद के बाद सभी परिजन उपखण्ड मजिस्ट्रेट दिव्या चौधरी के यहां पहुंचे। इतनी देर में वहां भाजपा नेता भी पहुंच गए और परिजनों को रोकने का प्रयास करते हुए समझाइश की। परिजनों को एसडीएम के पास पेश होने से रोकने की जानकारी मिलने पर पालिकाध्यक्ष के लिए निर्दलीय प्रत्याशी प्रीति शर्मा के ससुर भाजपा नेता जुगल किशोर तावनिया ओर निर्दलीय प्रत्याशी ललित सारस्वत के पिता राधेश्याम सारस्वत भी एसडीएम ऑफिस पहुंच गए। इस दौरान इनके ओर भाजपा नेता कुम्भाराम सिद्ध, बजरंग लाल सारस्वा आदि के साथ थोड़ी नोंक झोंक भी हुई। बाद में सभी परिजन एसडीएम के यहां पेश हुए और अपनी परिवाद दी। जिस पर अभी तक फैसला नहीं हुआ है।

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