
बीकानेर: स्कूली खेल प्रतियोगिताओं से ही बदलाव की शुरुआत, अब यह किया अनिवार्य






बीकानेर: स्कूली खेल प्रतियोगिताओं से ही बदलाव की शुरुआत, अब यह किया अनिवार्य
बीकानेर। राजस्थान के स्कूली खिलाड़ियों को मिलने वाले प्रमाण पत्रों में शिक्षा विभाग ने पहली बार आधार कार्ड नंबर भी शामिल कर दिया है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फर्जी खेल प्रमाण पत्रों पर रोक लगेगी और भविष्य में होने वाली पीटीआई व अन्य भर्ती में भी फर्जी खेल प्रमाण पत्र नहीं लगाए जा सकेंगे। 68वीं स्कूली खेल प्रतियोगिताओं से ही इसकी शुरुआत हुई है।
बीकानेर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में अभी 68वीं जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं हो रही हैं। अंडर-14 के अलावा अंडर-17 व अंडर-19 आयु वर्ग की प्रतियोगिताएं चल रही हैं। इन प्रतियोगिताओं में प्रदेश भर में करीब 5 लाख स्टूडेंट्स विभिन्न स्तर की प्रतियोगिताओं में शामिल हो रहे हैं। अकेले बीकानेर में ही 20 हजार से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। राइफल शूटिंग, फुटबॉल, वालीबॉल, तीरंदाजी, जिम्नास्टिक सहित करीब 40 विभिन्न खेलों की प्रतियोगिताएं हो रही हैं।
राज्य में पीटीआई भर्ती 2011, 2013 और इसके बाद हुई भर्तियों में बीपीएड डिग्री आदि के साथ ही खेल प्रमाण पत्रों की सत्यता को लेकर बड़े सवाल खड़े किए गए। कुछ प्रकरण ऐसे भी सामने आए कि खेल प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनवा लिए गए। क्यों कि प्रतियोगी परीक्षाओं में जिला, राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के प्रमाण पत्रों के अलग-अलग अंक होते हैं। माना जा रहा है कि प्रमाण पत्र में अब आधार नंबर शामिल हो जाने से अभ्यर्थी का भी सत्यापन हो सकेगा, जिससे प्रतियोगिताओं में होने वाले फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगेगा।


