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एसपी ने नेताओं पर लगाये गंभीर आरोप, विधायक की सिफारिश पर लगे है थानेदार

नागौर। सट्टा कारोबारियों से मिलीभगत मामले में अजमेर अजमेर रेंज ढ्ढत्र ने नागौर शहर कोतवाल व एक हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया था। इसके बाद नागौर स्क्क श्वेता धनखड़ पर क्ररुक्क सुप्रीमो व सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद रविवार को डीडवाना ्रस्क्क संजय गुप्ता ने एक सोशल मीडिया ग्रुप में खुला पत्र लिखकर इस मामले को फिर से हवा दे दी है। अपनी इस पोस्ट को उन्होंने कुछ ही मिनटों में डिलीट भी कर दिया था, पर उससे पहले ही इसके स्क्रीन शॉट वायरल हो गए।
डीडवाना ्रस्क्क संजय गुप्ता द्वारा की गई इस पोस्ट में नागौर स्क्क के कार्यकाल को शानदार बताते हुए जिले में नेताओं को तस्करों, सटोरियों और अपराधियों का संरक्षक होने की बात लिखी गई। इतना ही नहीं इस पोस्ट में ये भी लिखा गया कि उच्च अधिकारियों और विधायकों की डिजायर से लगे हुए कुछ ष्टढ्ढ और थानेदारों को नागौर स्क्क श्वेता धनखड़ की अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस वाली कार्यशैली भी पसंद नहीं है।
नागौर की जनता जानती है कि नागौर में कौन-कौन से नेता हैं, जो अफीम डोडा पोस्ट के तस्करों को, सटोरियों को, जुआरियों को और भू-माफियाओं को संरक्षण देते हैं। नागौर की जनता इतनी जागरूक है, उन्हें अच्छी तरह से मालूम है अवैध कारोबार में और खनन कार्यों में कौन-कौन से नेताओं की हिस्सेदारी है। किन-किन लोगों के रिश्तेदार यह कार्य कर रहे हैं। कुछ लोगों द्वारा माननीय स्क्क साहब के खिलाफ जो षड्यंत्र के तहत जो आरोप लगाए जा रहे हैं, उसको नागौर की जनता समझती है। माननीय स्क्क साहिबा लगभग 1 साल का कार्यकाल शानदार रहा। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों और भ्रष्ट नेताओं की नींद उड़ी रही।
संज्ञान में आते ही हर तरह के अपराधियों के खिलाफ चाहे वो कितना भी प्रभावशाली हो उसका किसी भी नेता को संरक्षण प्राप्त हो, उनकी गिरफ्तारी तत्काल हुई है। लेकिन स्क्क का कार्यकाल और कार्यशैली नागौर की जनता नागौर के नेताओं को रास नहीं आ रही है और न ही उच्च अधिकारियों के संरक्षण से और विधायकों के डिजायर सिस्टम से आए हुए थानेदार और ष्टढ्ढ लेवल के अधिकारियों को पसंद आ रही है।
ऐसे अधिकारी और विधायक अपने आपको फ्री हैंड नहीं महसूस कर पा रहे हैं। जो उम्मीद पुलिस कर्मचारियों और थानों में तैनात अधिकारियों को थी। जिन थानों को मलाईदार थाने मानते थे, वहां एप्रोच करके लगने के बाद भी उन्हें उम्मीद के मुताबिक कुछ मिल नहीं पा रहा है, इसलिए अधिकारियों का नेताओं का कुछ विधायकों का गठजोड़ एक निर्भीक ईमानदार बेदाग और दबंग पुलिस अधिकारी किसान की बेटी को जिले में स्क्क पद पर पचा नहीं पा रहे हैं और लगातार स्क्क साहिबा के नागौर लगने लगने के बाद से ही षड्यंत्र कर रहे हैं और नागौर की जनता को यकीन है नेताओं के और अधिकारियों के मंसूबे कामयाब नहीं होंगे।

मुख्यमंत्री जी को नागौर की जनता के द्वारा समय-समय पर सारी स्थितियों से अवगत करा दिया गया है और जल्दी संपूर्ण घटना को लेकर मानवाधिकार संगठन, भ्रष्टाचार निरोधक के कार्यकर्ता व नागौर के संभ्रांत नागरिक जन का प्रतिनिधिमंडल मान्य अशोक गहलोत से मिलेगा और संपूर्ण घटनाक्रम से अवगत कराएंगे।
अब बोले- गलती से हो गई थी पोस्ट, ज्यादा तूल न दें
इस पूरे मामले को लेकर जब ्रस्क्क संजय गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पोस्ट गलती से हो गई थी। इंसान हूं, गलती हो जाती है। मैंने पोस्ट को भी तुरंत ही डिलीट कर दिया था। मामले को बेवजह में ज्यादा तूल न दें।

नागौर की राजनीति में उबाल
एएसपी की पोस्ट के बाद नागौर की राजनीति में उबाल सा आ गया है। अपराधियों से नेताओं के गठजोड़ पर चर्चाएं चलने लगी हैं। सिफारिश से लगे थानेदार और पुलिसकर्मियों पर सवाल उठने लगे हैं। अभी कोई भी पुलिस अधिकारी इस पर खुलकर नहीं बोल रहा है, लेकिन इस घटनाक्रम से तय है कि जिस तरह से नागौर एसपी को हटाने को लेकर जिस तरह राजनेता लामबंद्ध हो रहे थे, अब ्रस्क्क के खिलाफ भी मुहिम शुरू हो गई है।

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