राजस्थान में परिवर्तन की आहट!, सीनियर कांग्रेसी CM अशोक गहलोत की गैरमौजूदगी पर उठ रहे सवाल

राजस्थान में परिवर्तन की आहट!, सीनियर कांग्रेसी CM अशोक गहलोत की गैरमौजूदगी पर उठ रहे सवाल

लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद कांग्रेस यूपी में फ्रंट फुट पर खेल रही है। प्रियंका गांधी हिंसा के 7-8 घंटे के भीतर दिल्ली से लखनऊ पहुंच गईं। वहीं, राहुल गांधी बुधवार को लखीमपुर पहुंचने से पहले दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर BJP पर हमलावर हुए। इस बीच पार्टी के भीतर अंदरुनी कलह भी सतह पर आ गई।

दिल्ली में राहुल के साथ तीन चेहरे नजर आए। ये थे, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस नेता सचिन पायलट। दो कांग्रेसी राज्यों के CM की मौजूदगी के बीच कांग्रेस के सबसे सीनियर लीडर और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरे फ्रेम से गायब रहे। उनकी गैरमौजूदगी ने सियासी चर्चाओं को और बल दे दिया है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं है।

पंजाब के बाद राजस्थान में परिवर्तन की आहट!
दरअसल, पंजाब में बदलाव के बाद से ही लगातार कयास लगाए जा रहे थे कि सचिन पायलट को आलाकमान जल्द ही मुख्यमंत्री पद सौंपेगा। इस चर्चा पर तब विराम लग गया जब अशोक गहलोत ने इशारों- इशारों में गांधी जयंती के कार्यक्रम पर यह साफ कर दिया कि वहीं आगे प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। अब सचिन को राजस्थान की गद्दी नहीं मिली है तो उन्हें राहुल और प्रियंका का ही सहारा है।

कहा जा रहा है कि पिछले कुछ समय से लगातार सचिन पायलट दिल्ली में आलाकमान के संपर्क में है। कहा जा रहा है कि पार्टी पहले पूरी तरह से पंजाब की स्थिति सामान्य कर देना चाहती है, उसके बाद राजस्थान पर फोकस किया जा सकता है।

Join Whatsapp
खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |खबरें और विज्ञापन के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप करें- 76659 80000 |