बीकानेर: बिना अनुमति खोद दी लाइबिलिटी वाली इतनी सड़कें, अब नहीं कर रहे काम

बीकानेर: बिना अनुमति खोद दी लाइबिलिटी वाली इतनी सड़कें, अब नहीं कर रहे काम

बीकानेर: बिना अनुमति खोद दी लाइबिलिटी वाली इतनी सड़कें, अब नहीं कर रहे काम
बीकानेर। नगर निगम और बीडीए की ओर से पीडब्ल्यूडी की लाइबिलिटी वाली सड़कों का सर्वे करने के बाद पीडब्ल्यूडी ने गुरुवार से अपना सर्वे कराना शुरू कर दिया। पीडब्ल्यूडी सर्वे करा रहा कि कहां कितनी ऐसी सड़कें है जो बिना अनुमति के पीएचईडी, बीएसएनएल, नगर निगम आदि विभागों ने अपने प्रयोग के लिए तोड़ीं। कितनी सड़कें स्थानीय लोगों ने तोड़ीं। कितनी सड़कें ड्रेनेज ना होने के कारण टूटीं। सच्चाई सामने आई कि ऐसी 100 सड़कें ऐसी हैं जहां किसी ना किसी कारण से लाइबिलिटी की सड़कों को तोड़ा गया। अब ठेकेदार वहां काम नहीं कर रहे। पिछले साल कलेक्टर ने सबसे पहले लाइबिलिटी वाली सड़कों का पैचवर्क कराने के लिए कहा था मगर आधी सड़कें भी दुरुस्त नहीं कराई गईं। इस बीच अमृत-2 के तहत टेक्नोक्राफ्ट कंपनी ने सीवरेज का काम करना शुरू कर दिया।

हालांकि इसकी पीडब्ल्यूडी से अनुमति है मगर बीडीए-नगर निगम जो सर्वे करा रहा उसमें ये सड़कें भी शामिल हैं। बीडीए-निगम ने 516 सड़कें पीडब्ल्यूडी की तलाशी जो लाइबिलिटी पीरियड में हैं। इसके अलावा कुछ ऐसी सड़कें हैं जहां बिना अनुमति के भी सड़कें तोड़ी गईं। कुछ जगह पीएचईडी ने अनुमति तो ली मगर उसके बदले में जैसी सड़क ठीक होनी चाहिए थी वो नहीं की गई। लाइबिलिटी वाली सड़कों का नियम कहता है कि अगर स्वत: सड़क टूटती है तो ठेकेदार उसकी मरम्मत कराने के लिए बाध्य है मगर किसी विभाग या अन्य कारणों से सड़क टूटती है तो ठेकेदार की लाइबिलिटी खत्म हो जाती है।

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