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हर साल से कम था पटाखों का धुआं, गोवर्धन पूजा तक लोग करते रहे धमाके

खुलासा न्यूज,बीकानेर। प्रदेश में पटाखों की बिक्री और छोडऩे पर प्रतिबंध लगने के बाद भी बीकानेर में आतिशबाजी देर रात तक हुई। हालांकि, पिछले सालों की तुलना में यह एक चौथाई ही रही। लेकिन, लोगों ने गोवर्धन पूजन तक पटाखे जलाने में कसर नहीं छोड़ी।
बीकानेर में हर साल पटाखों की करीब 10 करोड़ रुपए की बिक्री होती है। लेकिन इस बार राज्य सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने पटाखों के होलसेल व छोटे व्यापारियों के स्टॉक को सीज कर दिया था। ऐसे में चोरी छिपे पटाखे बेचने का काम भी नहीं हो सका। शहर में कोटगेट, केईएम रोड, जस्सूसर गेट, पवनपुरी, जयनारायण व्यास कॉलोनी सहित कुछ बाजारों में पटाखों का पूरा बाजार लगता था, जहां इस बार एक भी दुकान नहीं थी।
घर में पड़ा था स्टॉक
हर साल लोगों के पास कुछ न कुछ पटाखें बच जाते हैं। यह बचा हुआ स्टॉक ही इस बार दीपावली पर लोगों के काम आया। अधिकांश लोगों ने कहा कि दीपावली पर बच्चों की सर्वाधिक जिद होती है, जिसके चलते पुराने पटाखे जलाए गए। बीकानेर में पूरी रात आतिशबाजी होती है लेकिन इस बार मध्य रात्रि बाद पटाखों की आवाजें कम हो गई। सुबह गोवर्धन पूजन के समय जरूर आतिशबाजी हुई।
भीड़ में कोई कमी नहीं
आतिशबाजी नहीं हो रही थी तो लोग बाजार में ज्यादा निकले। बीकानेर के मुख्य बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिली। लोगों ने मास्क लगा रखे थे लेकिन फूल, मिठाई व पूजन संबंधी दुकानों पर एक दूसरे से सटकर खड़े लोग ‘सोशल डिस्टेंसिंगÓ भूल गए थे। खासकर फूलों की दुकानों पर जमकर भीड़ उमड़ रही थी।
दुल्हन की तरह सजा था शहर
दीपावली पर बीकानेर शहर दुल्हन की तरह सजा हुआ था। एक ओर जहां सरकारी भवनों पर विशेष प्रकाश व्यवस्था की गई, वहीं लोगों ने अपने घरों पर हर बार से अधिक रोशनी की। आतिशबाजी पर रोक होने के कारण लोगों ने इस बार सजावट पर विशेष ध्यान दिया।
महिलाओं ने की गोवर्धन पूजन
रविवार को घर के आगे महिलाओं ने गोवर्धन की पूजा की। लोगों ने घरों के आगे गोबर के लेप से न सिर्फ गोवर्धन पर्वत का स्वरूप दिया, बल्कि रंगोली के साथ सजावट भी की। बाद में यहां महिलाओं ने पूजन किया। घर परिवार की खुशहाली के लिए सदियों से दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा की परम्परा चली आ रही है। वैसे तो 5 दिन तक गोवर्धन पर दीप जलाया जाते हैं। लेकिन दीपावली के अगले दिन यहां विशेष पूजन होता है।
निराश हुए पटाखा व्यवसायी
उधर, बीकानेर के पटाखा व्यवसायी काफी निराश रहे। बीकानेर फायरवर्क्स एसोसिएशन के सचिव वीरेंद्र किराडू ने बताया कि अकेले बीकानेर में 10 करोड़ रुपए का पटाखों व्यवसाय चौपट हो गया। सरकार अगर समय रहते इस तरह का निर्णय करती तो नुकसान को कम किया जा सकता था। किराडू ने कहा कि सरकार को पटाखा व्यवसायियों के लिए अलग से पैकेज जारी करना चाहिए।

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