
ड्रोन की मदद से खांसने-छींकने वालों की सख्त निगरानी हो रही






सिडनी। कोरोना वायरस के संक्रमण को ऑस्ट्रेलिया ने लगभग काबू में कर लिया है। यहां बीते 24 घंटे में केवल चार मामले सामने आए हैं। जबकि मार्च के आखिर तक यहां रोजाना 450-460 संक्रमित मामले सामने आ रहे थे। देशभर में टेस्टिंग के बाद बीते 24 घंटे में 12 हजार और टेस्ट किए गए। यहां कोरोना की गंभीरता का पता चलता है।
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यहां पर महामारी से लडऩे के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। एयरपोर्ट, स्टेशन, क्रूज शिप और ऑफिस में छींकने-खांसने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। पता चलते ही उन्हें क्वारंटाइन किया जा रहा है। वायरस के खिलाफ लड़ रहे स्वास्थ्य और सुरक्षाकर्मियों को छह हफ्ते में दस कोरोड़ मास्क और सुरक्षा किट दी गईं। वहीं विदेश से आने वाले लोगों को दो हफ्ते का क्वारंटीन अनिवार्य कर दिया गया है। संक्रमण फैलने के बाद यहां पर लोगों के तापमान और हृदय गति पर खास नजर रखनी शुरू की गई।
यहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन किया गया। यहां पर लॉकडाउन के पहले दिन 23 मार्च को पार्क में बैठे एक व्यक्ति को खाना खाने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ा। वहीं बीते हफ्ते विक्टोरिया के महापौर टोनी हर्बर्ट पर 78 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। वह सामाजिक दूरी को भूलकर सड़क किनारे बीयर पी रहे थे।
जी-20 देशों (अमरीका, ब्रिटेन, इटली और स्पेन) में कोरोना संक्रमण के मामलों की तुलना ऑस्ट्रेलिया से की जाए तो यहां के आंकड़े पूरी तरह से उलट हैं। यहां वायरस की चपेट में मौजूद लोगों की संख्या 6,661 है जबकि पांच हजार से ज्यादा मरीज ठीक हो चुके हैं। नए मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है।


