
निकाय चुनावों को लेकर आयोग-सरकार में टकराव के हालात, जानें यूडीएच मंत्री खर्रा ने क्या कहा?





खुलासा न्यूज नेटवर्क। राजस्थान में शहरी निकायों के चुनावों को लेकर सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के बीच टकराव के हालात बन गए हैं। दोनों की अलग-अलग राय सामने आ रही है। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने दो महीने में चुनाव करवाने की घोषणा की थी। अब यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि हम दिसंबर में सभी 309 शहरी निकायों के एक साथ चुनाव करवाएंगे। दरअसल, राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक जल्द निकाय और पंचायत चुनाव करवाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि जिन निकायों और पंचायती राज संस्थाओं का 5 साल का कार्यकाल पूरा हो गया और जिनका दो महीने में पूरा हो जाएगा, वहां भी चुनाव होंगे। उन्होंने अभी ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ व्यावहारिक नहीं माना है।
जो हमें करना होगा, हम करेंगे
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने आज मीडिया से बात की। राज्य निर्वाचन आयोग के सप्ताह भर में चुनाव कार्यक्रम जारी करने के सवाल पर खर्रा ने कहा- आयोग कार्यक्रम जारी कर देगा तो उसके मुताबिक देखेंगे। जो कुछ हमें करना होगा, वह हम करेंगे। आयोग को जो करना है, वो आयोग करेगा।
हाईकोर्ट के आदेश के हिसाब से हमारे पास फरवरी तक का समय है। फरवरी में 6 महीने पूरे होते हैं। हम तो दिसंबर में ही करवा देंगे। हाईकोर्ट के आदेश की हमने प्रमाणित प्रति मंगवाई है। प्रमाणित प्रति मिलने के बाद उचित कदम उठाने होंगे।
यूडीएच मंत्री ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के दो बयान आए हैं। पहला बयान आया कि दो-तीन दिन में कार्यक्रम की घोषणा कर देंगे। इसके बाद कहा कि दो महीने में करेंगे।
खर्रा ने कहा कि दिसंबर 2025 में हमें ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ के तहत चुनाव करवाने में कोई विधिक अड़चन नहीं है। वार्ड परिसीमन पूरा हो चुका है। एक-दो दिन में पत्रावली भेज देंगे। परिसीमन की अधिसूचना एक-दो दिन में जारी हो जाएगी। ज्यादा वक्त लगा तो एक सप्ताह में जारी हो जाएगी।
पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव एक साथ होने में दिक्कत की बात को खर्रा ने माना है। खर्रा ने कहा कि पंचायती राज के चुनावों में सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है कि उनकी अवधि अलग-अलग है। कुछ पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल 2027 में खत्म हो रहा है। कुछ का 2026 में खत्म हो रहा है। इसे लेकर मंथन चल रहा है कि एक साथ चुनाव कैसे हो? उम्मीद है कि एक साथ चुनाव में जो संभव हो सकेगा, किया जाएगा।

