
प्रदेश की 247 मंडियों में पसरा सन्नाटा, मांगे नहीं मानी तो हड़ताल रहेगी जारी






बीकानेर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के आह्वान पर राज्य की सभी 247 अनाज मंडी, दाल मिल, आटा मिल और मसाला उद्योग 23 से 26 फरवरी तक चार दिवसीय हड़ताल पर है। ऐसे में बीकानेर अनाज मंडी पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा है। व्यापारियों ने कृषक कल्याण शुल्क (1 प्रतिशत) समाप्त करने, मंडी टैक्स की दरें समान करने और अन्य राज्यों से कृषि उपज लाने पर अतिरिक्त कर हटाने की मांग की है। बीकानेर सहित पूरे राजस्थान में आंदोलन के तहत मंडी नीलामी कार्य, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और अन्य संबंधित व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह बंद है। जिससे आमजन व किसानों को नुकसान हो रहा है। वहीं सरकारी रवैन्यू को बड़ा नुकसान हो रहा है।
व्यापार संघ के प्रतिनिधियों का कहना है कि कोरोना काल में लागू किया गया कृषक कल्याण शुल्क अब किसानों और व्यापारियों दोनों पर बोझ बन चुका है। व्यापारियों का आरोप है कि यह शुल्क केवल नाम के लिए कृषक कल्याण से जुड़ा है, लेकिन वास्तविक रूप से इसका उपयोग अन्य सरकारी योजनाओं में हो रहा है।
ये है प्रमुख मांगे
- मंडी शुल्क की एक समान दर: वर्तमान में यह 0.50 प्रतिशत, 1 प्रतिशत और 1.60 प्रतिशत अलग-अलग दरों पर लागू है, जिसे एक प्रतिशत पर स्थिर करने की मांग की गई है।
- राज्य के बाहर से आने वाली कृषि जिन्सों पर पुन: कर वसूली न हो इसके लिए एक देश, एक कर प्रणाली के तहत अतिरिक्त कर हटाने की मांग।
- सभी कृषि जिन्सों पर आढ़त 2.25 प्रतिशत हो, फिलहाल कुछ अनाजों पर यह केवल एक प्रतिशत है, जबकि कच्चे आढ़तियों का खर्च 1.50 प्रतिशत तक आता है।
- भूखंड आवंटन नीति में संशोधन 2005 से पहले वंचित अनुज्ञापत्रधारियों को वरीयता देते हुए बाजार दर से 25 प्रतिशत कम कीमत पर भूखंड आवंटित करने की मांग।
- सरकारी खरीद केंद्रों पर किसानों के लिए व्यवस्था में सुधार: सरकारी खरीद को अनाज मंडियों से जोडऩे और तय आढ़त दरों पर भुगतान सुनिश्चित करने की मांग।


