
ऐतिहासिक तीर्थ श्री पांच पिपली का महत्व और बाबा रामदेव जी के जीवन काल का पर्चा स्थल







बीकानेर। बाबा श्री रामदेव जी अपने जीवन काल मे सबसे कठोर चट्टान की भूमि तीर्थ श्री पांच को खोद कर समतल किया इसलिए सबसे ज्यादा पसीना बाबा का इस भूमि पर टपका इसलिए तीर्थ श्री पांच पिपली की मिट्टी पर्चाधारी है, बाबा ने तीन मीटर की तलवार दबा कर धुणा बनाया इस घनघोर कलियुग को नियंत्रण करने के लिए धुणे मे तलवार दबाई इसलिए इस भूमि पर निरंतर पर्चे होते हैं और बाबा श्री रामदेव जी ने इसी भूमि पर पांच पीरो को पर्चा दिया व धुणा तप किया आज भी मौजूद हैं पीरो के लिए लगाई पांच पिपली पेड़ व एतिहासिक धुणा और प्रमाण निर्माण करते समय तीन मीटर तलवार को देखा भी इससे बढकर समय समय पर इस भूमि की रेत में बाबा के पगलिया रात को स्वत बनते हैं दूसरे दिन चमत्कार होते हैं।बहुत भक्तो के अटके बिगडे काम व तुरंत मनवांछित फल इस मिट्टी को घर ले जाने के बाद हुए या मिले अंतरराष्ट्रीय द्वारिका रणुजा संगम संस्थान का सौभाग्य है कि इस जर जर अवस्था में पडे तीर्थ का नवीनीकरण जीर्णोद्धार करने का मौका
मिला विशाल व भव्य तीर्थ श्री पांच पिपली का निर्माण गत तीन वर्षों से चल रहा है और आगे भी 4-5 वर्ष चलता आ रहा है। यह जानकारी अंतराष्ट्री द्वारिका रणुजा संगम ट्रस्ट के संस्थापक प्रकाश सुखलेचा ने दी।


