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एसआई पेपर लीक : पाली पुलिस पहुंची बीकानेर, आरोपियों से दो लाख रूपए बरामद, कोचिंग संचालक राजाराम बिश्नोई पुलिस रिमांड पर

खुलासा न्यूज, बीकानेर। सब इंस्पेक्टर पेपर लीक के मामले में गिरफ्तार आठ आरोपी पुलिस रिमांड पर है। आरोपियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है। आज यानि बुधवार को इस मामले को लेकर पाली पुलिस बीकानेर पहुंची और आरोपियों से पूछताछ की । साथ ही जानकारी मिली कि पुलिस ने आरोपियों से दो लाख रूपए और बरामद किए है। जानकारी के अनुसार पाली पुलिस के कोतवाली थाने के सीआई गौतम जैन आज बीकानेर आए। सीआई ने आरोपियों से पूछताछ की । पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे और होने की संभावना है।

आठ अभियुक्तों को कोर्ट में पेश कर दो बाल अपचारी को किशोर गृह भेजा

पुलिस ने बीकानेर में गिरोह के 10 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से प्रिंसिपल और बीकानेर के मैट्रिक्स कोचिंग संस्थान के संचालक और अतिरिक्त वीक्षक राजाराम के अलावा अन्य आठ मुरलीधर व्यास कॉलोनी और तिलक नगर में बैठकर पेपर साॅल्व कर रहे थे।

एमडीवी से बज्जू के स्कूल में सरकारी टीचर राजाराम बिश्नोई, दिनेश बेनीवाल, मानकासर निवासी सुरेश बिश्नोई, मिठड़िया निवासी विकास बिश्नोई व दो नाबालिग और तिलक नगर से मोडायत मानकासर निवासी विकास बिश्नोई को पकड़ा था। नयाशहर पुलिस थाने के एसएचओ गोविन्दसिंह चारण ने बताया कि मंगलवार को आठ अभियुक्तों को कोर्ट में पेश कर दो बाल अपचारी को किशोर गृह भेजा गया है।

ऐसे पेपर तक पहुंचे दोनों शातिर 
एसआई भर्ती में नकल करवाने के लिए पेपर की फोटो खींचना आसान नहीं था। पेपर लिफाफे में होता है और स्टूडेंट ही उसे निकालता है। प्रिंसिपल दिनेश और कोचिंग संस्थान संचालक व अतिरिक्त वीक्षक राजाराम ने सेंटर पर देरी से आने वाले स्टूडेंट के पेपर का लिफाफा खोलकर फोटो खींचने की प्लानिंग की और ऐसा ही किया। पहली पारी में दोनों ने मिलकर एक पेपर का लिफाफा खोलकर पेपर की फोटो खींच ली। बाद में देरी से आए स्टूडेंट को वह पेपर थमा दिया। दूसरी पारी में भी ऐसा ही किया।

कोचिंग संस्थान राजाराम और प्रिंसिपल दिनेश स्टूडेंट का दाखिला एक-दूसरे के यहां करवाते थे। इसलिए दोनों में घनिष्ठता थी। अभियुक्त राजेश बेनीवाल और नरेन्द्र खीचड़ एसआई की परीक्षा दे रहे थे और दोनों पर थानेदार बनने का जुनून था। इसके लिए नरेन्द्र ने प्रिंसिपल दिनेश से पेपर उपलब्ध करवाने के लिए संपर्क किया, लेकिन बात नहीं बनी।

नरेन्द्र ने राजाराम से मिलकर उसे प्रिंसिपल के पास भेजा और 15 लाख रुपए में डील तय हो गई। प्रिंसिपल राजाराम में डेढ़ लाख रुपए मांगता था। डील पूरी होने पर राजाराम को वो रुपए माफ करना तय हो गया। राजाराम 12 सितंबर की रात को प्रिंसिपल के घर पहुंचा और तीन लाख रुपए एडवांस दे दिए। सात लाख रुपए मंगलवार को देने थे।

 एक महिला ने सुराग दिया ताे पूरा गिरोह पकड़ा
बीकानेर के नया शहर थाना प्रभारी गाेविंदसिंह चारण ने बताया कि पाली में राजेश व नरेंद्र के गिरफ्तार हाेने के बाद सूचना मिली थी कि राजेश के घर पर ही नकल कराने वाला गिराेह बैठा है। वहां से ही अांसर-की बनाकर नरेंद्र के माेबाइल पर शेयर की जा रही है।

इस सूचना के बाद पुलिस मुरलीधर व्यास कॉलोनी मंे राजेश के घर पहुंची ताे वहां काेई नहीं मिला। पुलिस वापस लाैटने की तैयारी में ही थी कि एक महिला ने कुछ लाेगाें के एक अन्य मकान में बैठे हाेने की सूचना दी। पुलिस दूसरे घर पहुंची ताे नकल गिराेह के सभी सदस्य वहां मिल गए।

नकल गिरोह ने पाली में अभ्यर्थी राजेश के अलावा और किन-किन स्टूडेंट को पेपर उपलब्ध करवाया है, इसका पता लगाया जा रहा है। उधर, आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में एएसपी शैलेन्द्रसिंह इन्दोलिया, सीओ सिटी सुभाष शर्मा, सीओ एससी एसटी ओमप्रकाश, नयाशहर एसएचओ गोविन्दसिंह चारण, डीएसटी प्रभारी सुभाष बिजारणिया, एसआई चन्द्रजीतसिंह भाटी, एएसआई रामकरण, एचसी अब्दुल सत्तार, कानदान सांधू, साइबर सैल के दीपक यादव, रामचन्द्र और कांस्टेबल वासुदेव, सवाईसिंह, बलवीर, रमेश, पूनमचंद शामिल रहे।\

नरेशदान और सरकारी टीचर राजाराम बिश्नोई की मुख्य भूमिका

पेपर साल्व करने के लिए एमडीवी में छह और तिलक नगर में दो लोगों सहित आठ लोग बैठे थे। दो ग्रुप में बैठे इन लोगों के पास उत्तर पता लगाने के लिए बुक्स व अन्य सभी तरह की सामग्री उपलब्ध थी। प्रथम पारी का पेपर मिलते ही दोनों ही ग्रुप के लोगों ने उत्तर तैयार किए और उसके बाद उनको क्रास चेक भी किया।

संतुष्ट होने पर उत्तर तालिका पाली में नरेन्द्र को भेजी जिसने मोबाइल के जरिये परीक्षा दे रहे राजेश को नकल करवाई। उत्तर तैयार करने में हिन्दी विशेषज्ञ नरेशदान और सरकारी टीचर राजाराम बिश्नोई की मुख्य भूमिका रही।

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