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श्रीडूंगरगढ़ में सियासत का बाजार गर्म, किसान सम्मेलन से पहले दावेदारी कर रहे नेताओं की आखिर नींद क्यों उड़ गई

पत्रकार कुशाल सिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट

बीकानेर। विधानसभा चुनाव नजदीक है। भाजपा की पहली सूची कभी भी जारी हो सकती है। 2 अक्टूबर को जारी होने वाली सूची फिलहाल रोक दी गई है। इस लिस्ट में श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा का भी नाम चल रहा था, लेकिन तोलाराम जाखड़ के किसान सम्मेलन से पहले भाजपा श्रीडूंगरगढ़ में अपने प्रत्याशी का नाम रोक सकती है। क्योंकि प्रदेशभर में जाखड़ के नेतृत्व में आयोजित इस किसान सम्मेलन पर सभी की नजर है। श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा में या बात करें बीकानेर की के विधानसभा क्षेत्रों की तो यह किसान सम्मेलन सबसे बड़ा होने जा रहा है। पहली बार 4 बीघा से ज्यादा जमीन पर टेंट लगाया गया। इस भव्य आयोजन को लेकर पूरे श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह तो इस सम्मेलन के बाद ही तय हो पाएगा की जाखड़ कितने कामयाब होते हैं। लेकिन इस सम्मेलन के बाद भाजपा से दावेदारी कर रहे सभी प्रत्याशियों की नींद उड़ा दी है। अगर ताराचंद सारस्वत का नाम पहली लिस्ट में नहीं आता है तो यह जाखड़ की बड़ी कामयाबी होगी क्योंकि इस सम्मेलन के बहाने वह आलाकमान को यह मैसेज दे देंगे कि यहां उनका जनाधार भी कम नही है। हालांकि चर्चाओं का बाजार गर्म है कि ताराचंद सारस्वत को टिकट मिल सकती है, लेकिन पिछली बार भी ताराचंद सारस्वत भाजपा से चुनाव लड़े थे और तीसरे स्थान पर रहे। जाखड़ जाट जाति से भले आए लेकिन उनकी छवि बहुत साफ सुथरी है और साथ ही एक ऐसे नेता है जो हर जाति के वोट लेने में सक्षम है। लेकिन कल सुबह होने वाले किसान सम्मेलन की चर्चा श्रीडूंगरगढ़ ही नहीं बीकानेर की हर विधानसभा में इसकी चर्चा हो रही है। इस सम्मेलन के बाद अगर पहली सूची में श्रीडूंगरगढ़ का नाम नहीं आता है तो यह तय माना जा सकता है कि जाखड़ अपनी उपस्थिति दर्ज कर चुके हैं और संगठन में अपनी बात मजबूती से रख चुके हैं कि इस बार उनके नाम पर चर्चा होनी चाहिए।

 

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