दुकानदारों ने पुलिस पर लगाया भेदभाव का आरोप, दुकानदार बोले अगर दुकानें बंद करवानी है तो सभी दुकानें बंद होनी चाहिए एसपी साहब आपकी लाख कोशिश बेकार, हम दुकानें बंद नहीं करेंगे

दुकानदारों ने पुलिस पर लगाया भेदभाव का आरोप, दुकानदार बोले अगर दुकानें बंद करवानी है तो सभी दुकानें बंद होनी चाहिए एसपी साहब आपकी लाख कोशिश बेकार, हम दुकानें बंद नहीं करेंगे

दुकानदारों ने पुलिस पर लगाया भेदभाव का आरोप, दुकानदार बोले अगर दुकानें बंद करवानी है तो सभी दुकानें बंद होनी चाहिए
एसपी साहब आपकी लाख कोशिश बेकार, हम दुकानें बंद नहीं करेंगे
बीकानेर। बीकानेर शहर में अपराध मे लगातार इजाफा हो रहा है पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अपराध कम नहीं होने के पीछे कारण है बीकानेर शहर में अवैध तरीके से हथियार आना, नशे का कारोबार चरम पर फैलने, सट्टेबाजी व जुएबाजी के अड्डों में इजाफा होना, पूरी रात खाने पीने की दुकानें खुली रहना आदि ऐसे कारण है जिनसे अपराध बढ़ रहा है। ज्यादात्तर अपराध नशे की हालात में इधर उधर जाते वक्त रास्तों में किया जा रहा है। हथियार अपने पास रखना बीकानेर के युवाओं की फैशन बन गया है कई ऐसे बदमाश है जो आधी रात के बाद शहर के सडक़ों पर गैगस्टरों की तरह खुली जीप में सवार होकर तेज रफ्तार से जीप चलाकर दहशत फैलते है इन्ही गाडिय़ों की अगर जांच की जाये तो हथियार बरामद हो सकते है जिसमें चाकू, हॉकी, बेसवॉल सहित कई ऐसे हथियार जो किसी व्यक्ति के मारने पर जानलेवा साबित हो सकते है। बीकानेर में अवैध तरीके से हथियार सप्लाई होना का नई बात नहीं पहले भी पुलिस ऐसे बदमाशों पर कार्यवाही कर चुकी है लेकिन समय के साथ साथ हथियार बाहर से आने का तरीका बदल गया है। बदमाशों ने ऐसे तरीके अपनाया हे जिसको पुलिस भी भेद नहीं सकती है। अभी कुछ दिन पहले ही पुलिस ने अवैध हथियार तस्कर को पकड़ा उससे पूछताछ में जानकारी सामने आयेगी उसने बीकानेर में कितने लोगों को अवैध तरीके से हथियार सप्लाई की है। बीकानेर में अगर पुलिस सही तरीके से छानबीन करें तो सैकड़ों अवैध हथियार बरामद हो सकते है। कुछ साल पहले नयाशहर थाने के थानेदार धरम पुनिया ने ऐसी कार्यवाही करते है कई जगहों पर अवैध हथियारों की बरामदगी कर हडक़ंप मचा दिया था। उसके बाद कई सालो तक अवैध हथियारों का कारोबाद बीकानेर में नहीं हूआ। लेकिन बदमाशों को थोड़ी छुट मिलते ही उन्होंने अपना काम शुरु कर दिया और आज उन्हंने ऐसा नेटवर्क बना लिया है कि पुलिस की पकड़ से मीलों दूर है। इसी तहर जुआ व सट्टे के कारोबार को रोकने के भरसक प्रयास किये जा रहे है लेकिन मजे की बात तो यह है कि अब तो इनके अड्डो पर इजाफा हो गया जहां पहले शहर में 16 जगहों पर जुए व सट्टे का कारोबार चलता था अब वहीं 23 जगहों पर बड़े अड्डे बन गये है जहां शाम होते ही जुआरियों की मंडी लग जाती है। जब हमने इसकी तह तक गये तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये। एक जुआरी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हम जिसके घर में बैठते है वहां पर एक घंटे के एक युवक से दो सौ रुपये लिये जाते है और एक साथ पासों के खेल में 10 व उससे ज्यादा लोग एक साथ बैठते है। एक राउण्ड पूरा होते होते एक घंटा लग जाता है उसके बाद दूबारा बैठने पर फिर दो सौ रुपये लिये जाते है ऐसे करते करते दिन भर चलता रहता है। मौके पर ही फाइनेंश करने वाले बैठ रहते है जो दस हजार के नौ हजार देते है और दो दिन छुट देते उसके बाद 25 रुपये सैकड़े से ब्याज वसूलते है। खुलासा अगर समय पर किसी ने ब्याज नहीं दिया तो उसके साथ ऐसा बर्ताव किया जाता है कि मानवता शर्मसार हो जाती है। ब्याज वसूलने वालों से परेशान होकर कुछ लोगों ने मौत केा गले लगा लिया है। अगर कोई व्यक्ति इन ब्याज वसूलने वालों के खिलाफ पुलिस तक जाता भी है तो सबूतों के अभाव में वो बच जाते है। ऐसे में एक ही साधन है वो है मौत और ऐसे कई लोगों ने मौत को ही अपना अतिंम फैसला माना है जिससे कई मां ने अपना लाल खो दिया तो पत्नी ने अपने पति तो बहनों ने अपने भाईयों को खो दिया इतने कुछ होने के बाद भी पुलिस विभाग शहर में होने वाले जुए के अड्डों को बंद करने में पूरी तरह से नाकाम है।
वहीं शहर में पूर रात खाने पीने की खोलने वाली दुकानों से भी अपराध को बढ़ावा मिला है इन दुकानों पर शहर को छोडकऱ शहर के बाहर के इलाकों से युवक खाने पीने के लिए आते है खुलासा जिसमें कुछ शराब पीये हुए तो कुछ नशा किये हुए आते है जिससे वो किसी ने किसी ने छोटी सी बात पर झगडऩा शुरु हो जाते है और यही छोटे झगड़े कभी कभार बड़ा रुप ले लेते है। ऐसी घटना शहर के इलाको में हो रही है लेकिन मौहल्लेवासी नहीं बोलते क्योकि अगर बोले तो इन रात को खुलने वाली दुकानोंदारों से झगड़ा होता है। सबसे ज्यादा नयाशहर व कोतवाली पुलिस थाने में खाने पीने 20 दुकानें ऐसी है जहां पर 10 बजे से रात तीन बजे तक भीड़ रहती है जहां कोई पता नहीं कौन कहां से आ रहा है
पुलिस की गाड़ी देखते ही दुकान का शटर नीचे जाते ही वापस ऊपर
पुलिस व दुकानदारों के बीच बिल्ली चुहे का खेल होता रोज होता है जैसे ही पुलिस की गाड़ी नयाशहर व कोतवाली थाने निकलती है कुछ दुकानदारों को फोन पर ही सूचना मिल जाती है कि पुलिस की गाड़ी निकल गई है तो वो पहले से ही सचेत हो जाते है और कुछ दुकानदार पुलिस की गाड़ी देखते है दुकान की लाईट बंद कर दुकान का शटर बंद कर देते है जबकि गाड़ी में बैठे पुलिसकर्मी को सामने नजर आ रहा है कि उसको देखकर दुकान का शटर बंद किया है लेकिन पुलिसकर्मी उनको किसी तरह की हिदायत देते नजर नहीं आते है कि अब दुकान दुबारा मत खोलना वो खुलासा अपनी गश्त की ड्यूटी पूरी करने में लगे रहते है शहर में क्या हो रहा है उनको किसी तरह का मतलब नहीं है। खुलासा ये बिल्ली चुहे का खेल रोज होता है लेकिन पुलिस दुकानों को बंद करवाने में पूरी तरह से असफल है। एक दुकानदार महानुभाव ने तो इतने तक कह दिया कि पुलिस क्या हमारी दुकान बंद करवायेगी शहर हमारा है और इस शहर में पुलिस की दादागिरी नहीं चलेगी। हम कोई नशा नहीं बेचते है जो दुकानें बंद करें।खुलासा शहर में खुलने वाली दुकानों से नशेड़ी सिगरेट व गुटखा लेते है और सिगरेट को तुरंत आगे जाकर खाली करेके उसमें गांजा भर कर लेते है और बड़ी शान से पीते नजर आते है इसी तरह रजीनंध सहित अन्य गुटखों में भी नशेड़ी एमडी मिलाकर खाते नजर आते है। अगर पुलिस दुकानें बंद करवा दे भी तो कुछ दुकानदार तो अपनी दुकान के दो गेट निकाल रखे है खुलासा जिससे शटर बंद कर देते है और पास के दूसरे गेट से रातभर सामाने बेचते नजर आते है। इससे दूसरे दुकानदारों का रोष भी है कि जब पुलिस बंद करवा रही है तो हम सहयोग करने तैयारी है लेकिन नयाशहर व कोतवाली थाने मे एक भी दुकान खुली नहीं रहनी चाहिए। दुकानें के दो गेट है तो दोनों पर ताले लगने चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है पुलिस पर भेदभाव का आरोप है ।

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