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सांझा संस्कृति व सहअस्तित्व भारतीय सभ्यता की प्रेरक विशेषताऐं : डॉ. मेघना शर्मा

 

बीकानेर।एमजीएसयू छात्रसंघ व इतिहास विभाग के नेतृत्व में पूर्वोत्तर राज्यों से आई राष्ट्रीय एकात्मक यात्रा 2003 सील (SEIL – Student Experience in Interstate Living) के पदाधिकारियों व विद्यार्थियों का भ्रमण दल सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर पहुंचा जहाँ मुख्य द्वार पर छात्रसंघ अध्यक्ष लोकेंद्र प्रताप सिंह के अलावा उनकी टीम से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी होशियार मीणा, श्याम सिंह शेखावत, रविंद्र सिंह द्वारा सभी का पुष्पवर्षा द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
इतिहास विभाग की सह प्रभारी डॉ मेघना शर्मा ने छात्रदल को सर्वप्रथम परिसर स्थित गंगा सिंह मूर्ति सर्किल पर आधुनिक बीकानेर के निर्माता महाराजा गंगा सिंह द्वारा बीकानेर के आधुनिकीकरण व मरुस्थल के विकास में किए गए योगदान के बारे में विस्तार से बताया। तत्पश्चात छात्रदल वंदे मातरम के नारों के साथ विवेकानंद वीथी, संविधान पार्क आदि का अवलोकन करते हुए शैक्षणिक भवनों में इतिहास विभाग व ड्राइंग एंड पेंटिंग इत्यादि विभागों को देखने के पश्चात कुलपति सचिवालय पहुंचे।
मीडिया प्रभारी डॉ मेघना शर्मा ने बताया कि सांझा संस्कृति भारतीय सभ्यता की प्रेरक विशेषता रही है और दूरदराज के विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों का आपसी सामंजस्य छात्र समुदाय में सह अस्तित्व की भावना को प्रबल करता है। सचिवालय में आयोजित स्वागत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति विनोद कुमार सिंह ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियां विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली व कार्यशैली को राज्य की सीमाओं से बाहर प्रचारित प्रसारित करने में महती भूमिका का निर्वहन करती हैं व देशीय छात्र विनिमय की भावना को उन्नत बनाती हैं।
उल्लेखनीय है कि भ्रमण दल में अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, नागालैंड, मिज़ोरम, मणिपुर और मेघालय नामक सेवेन सिस्टर्स राज्यों के प्रतिनिधि व विद्यार्थी शामिल रहे।

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