
किराये के मकान पर फर्जी कागजातों से कब्जा करने वाले दो लोगों को सात साल की जेल





किराये के मकान पर फर्जी कागजातों से कब्जा करने वाले दो लोगों को सात साल की जेल
बीकानेर। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या एक ने आपराधिक षड्यंत्र से कूटरचित दस्तावेज तैयार कर किराये के मकान पर मालिकाना हक जताने के मामले में दो आरोपियों को दोषी मानते हुए प्रत्येक को सात साल के कारावास की सजा सुनाई है।
परिवादी सुशील कुमार मोदी की ओर से 11 मई, 12 को व्यास कॉलोनी पुलिस थाने में रिपोर्ट दी गई थी कि उसने वर्ष, 2000 में पवनपुरी में एक मकान खरीदा था जिसकी पहली मंजिल अरुणसिंह को किराये पर दी और किरायानामा भी तैयार करवाया था। इसमें गवाह महेन्द्र था। कुछ समय बाद सुशील बीकानेर से बाहर रहने लगा और आरोपी अरुणसिंह ने इसका फायदा उठाकर पूरे मकान के ताले तोड़ दिए और कब्जा कर लिया।
वर्ष, 01 में सौ-सौ रुपए के दो स्टांप खरीद कर एक स्टांप पर किरायानामा तैयार करवाया और उस पर मकान मालिक सुशील के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए। उसमें भी गवाह महेन्द्र कुमार था। दूसरे स्टांप पर फर्जी बयनामा तैयार कर लिया। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद आरोपी अरुणसिंह को महेन्द्र कुमार को दोषी मानकर प्रत्येक को सात साल की सजा सुनाई। इसके अलावा अरुणसिंह को 1.51 लाख रुपए व महेन्द्र को 11,000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट में सात गवाह के बयान हुए। राज्य की ओर से पैरवी अभियोजन अधिकारी गजेन्द्रसिंह ने की।
चेक अनादरण के मामले में पांच माह की जेल, 3 लाख रुपए देने होंगे
बीकानेर 7 विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो एनआई एक्ट की पीठासीन अधिकारी भारती पारासर ने चेक अनादरण के मामले में आरोपी को पांच माह के कारावास और 3 लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। परिवादी मनोज कुमार मारू से आरोपी भाटों का बास निवासी निर्मल राव ने वर्ष, 17 में 2 लाख रुपए कुछ समय के लिए उधार लिए थे। परिवादी की ओर से बार-बार मांगने पर आरोपी ने उसे चैक दे दिया। परिवादी ने चैक बैंक में लगाया, लेकिन रुपए नहीं होने के कारण बाउंस हो गया। कानूनी नोटिस देने के बाद आरोपी के खिलाफ कोर्ट में वाद पेश किया। कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानकर सजा सुनाई। परिवादी की ओर से पैरवी गुलाबचंद मारू ने की।


