एसडीएम सहित तीन लोगों पर गंभीर आरोप, पीडि़त ने लगाई इच्छा मृत्यु की गुहार, भारतमाला रोड़ से जुड़ा है मामला

एसडीएम सहित तीन लोगों पर गंभीर आरोप, पीडि़त ने लगाई इच्छा मृत्यु की गुहार, भारतमाला रोड़ से जुड़ा है मामला

खुलासा न्यूज, नेटवर्क। भारत माला रोड के लिए अधिग्रहण की गई कृषि भूमि की मुआवजा राशि दिलाने के लिए हनुमानगढ़ उपखण्ड अधिकारी और उनके बाबू के नाम से कथित रूप से 6 लाख 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। पीडि़त ने मंगलवार को हनुमानगढ़ एसडीएम डॉ. अवि गर्ग और शहर के नेशनल पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर सहित तीन जनों पर मिलीभगत कर 6 लाख 30 हजार रुपए की रिश्वत लेने के बावजूद पूरी मुआवजा राशि नहीं दिलवाने का आरोप लगाया। साथ ही सुनवाई नहीं होने के चलते कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को प्रार्थना-पत्र भेजकर इच्छा मृत्यु की अनुमति देने की मांग की।

 

पीडि़त गगनदीप सिंह पुत्र जंगीर सिंह रामगढिय़ा निवासी हनुमानगढ़ टाउन ने बताया कि उसके और उसकी भाभी परमजीत कौर पत्नी सुखदेव सिंह के नाम से तहसील हनुमानगढ़ के चक 14 एसएसडब्ल्यू में पांच बीघा कृषि भूमि है। इस कृषि भूमि के बीचों-बीच से भारत माला रोड गुजरती है। इस भूमि को अधिग्रहण किए जाने पर इसकी मुआवजा राशि करीब 35-36 लाख रुपए थी। उन्होंने मुआवजा राशि के लिए उपखण्ड अधिकारी ऑफिस हनुमानगढ़ में आवेदन किया, लेकिन उसे गुमराह किया जाता रहा। इसी बीच केके गुप्ता व नेशनल पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर अजय गर्ग उसके सम्पर्क में आए। इन्होंने अपने आप को एसडीएम के खास आदमी होने का दावा किया। अजय गर्ग ने कहा कि उसने एसडीएम अवि गर्ग से बात की है। वह उन्हें मुआवजा राशि स्वीकृति के एवज में 7 लाख रुपए दे दे तो वे उसकी मुआवजा राशि दिलवा देंगे। गगनदीप के अनुसार वह पहले से ही मुआवजा राशि न मिलने से काफी तंग-परेशान हो चुका था। उसने इनकी बातों में आकर 6 लाख 30 हजार रुपए केके गुप्ता और अजय गर्ग को दे दिए। इन दोनों ने एसडीएम व एसडीएम के बाबू के नाम पर उससे 6 लाख 30 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद उसे मात्र 26 लाख रुपए की मुआवजा राशि दी गई। जब उसने कम मुआवजा राशि मिलने पर इन लोगों से सम्पर्क किया तो केके गुप्ता व अजय गर्ग ने कहा कि इतना ही मुआवजा मिलेगी।

 

बाकी के रुपयों के बारे में इनसे पूछा तो इन्होंने कहा कि उन्होंने तो ठगी मारनी थी जो मार ली। अब उससे जो होता है, वह कर ले। उनके पास और रुपए नहीं हैं। वे तो मिल-बांटकर रुपए खा गए हैं। उन्होंने अकेले रुपए नहीं खाए। सब ऊपर तक जाता है। गगनदीप सिंह के अनुसार उसने पिछले दिनों इसकी लिखित शिकायत जिला कलेक्टर को की थी परन्तु सुनवाई नहीं हुई। गगनदीप सिंह के अनुसार उसकी रोजी-रोटी उक्त जमीन से ही चलती थी जिसका पूरा मुआवजा नहीं मिला। साथ ही उसकी एक बड़ी रकम केके गुप्ता, अजय गर्ग और एसडीएम मिलीभगत कर गबन कर गए हैं। अब उसके पास इच्छा मृत्यु के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं बचा है। इसलिए वह स्थानीय प्रशासन से दुखी होकर अन्य कोई विकल्प शेष नहीं होने के कारण इच्छा मृत्यु की गुहार लगाने को मजबूर हुआ है। गगनदीप सिंह ने राष्ट्रपति को भेजे प्रार्थना-पत्र के जरिए इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने की मांग की।

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