सेबी सदस्य ने शेयर बाजार में हेरफेर को बताया बड़ा खतरा, कहा- इससे निपटने में मदद करें ब्रोकर

सेबी सदस्य ने शेयर बाजार में हेरफेर को बताया बड़ा खतरा, कहा- इससे निपटने में मदद करें ब्रोकर

मार्केट रेगुलेटर सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश चंद्र वार्ष्णेय ने शनिवार को पूंजी बाजार में हेरफेर (manipulations) को लेकर लोगों को आगाह किया। साथ ही ब्रोकरों से ऐसी घटनाओं पर नजर रखने और उन्हें रोकने की अपील की। सेबी इस तरह की गड़बड़ियों करने वाली कई संस्थाओं के खिलाफ एक्शन भी ले रही है।

इन गड़बड़ियों में फ्रंट रनिंग जैसी एक्टिविटीज भी शामिल हैं। फ्रंट रनिंग असल में एक अवैध चलन है, जहां कोई इकाई अपने ग्राहकों को जानकारी उपलब्ध कराने से पहले ब्रोकर या एनालिस्ट से अडवांस जानकारी के आधार पर व्यापार करती है। यह भारत में गैरकानूनी है, क्योंकि इससे कीमतों को गलत तरीके से प्रभावित किया जाता है।

वार्ष्णेय ने जोर देते हुए कहा कि हमारी इंडस्ट्री में भरोसे पर कारोबार होता है, इसलिए निवेशकों के भरोसे की अहमियत सबसे अधिक है। अगर निवेशकों का भरोसा खत्म हो गया, हमारी पूरी इंडस्ट्री चौपट हो जाएगी।

वार्ष्णेय ने कहा कि यह जाहिर सी बात है कि पूंजी बाजार में हेराफेरी चल रही है और सेबी अकेले इन सबको नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ ब्रोकरेज भी शामिल हैं और ब्रोकरेज कम्युनिटी को ही उन पर नजर रखनी चाहिए, उनका भंडाफोड़ करना चाहिए। वार्ष्णेय ने जोर दिया कि सिस्टम में जो बुरे तत्व आ गए हैं, वे पूरे ब्रोकरेज कम्युनिटी की साख के लिए खतरा हैं।

वार्ष्णेय दिल्ली एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) के 13वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि संस्थाओं को दक्षता के साथ-साथ व्यवसाय में सुधार के लिए तकनीकी विकास पर भी ध्यान देना चाहिए।

क्या है सेबी?

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) प्रतिभूति बाजार के लिए नियम-कानून बनाने और निवेशकों के हितों की रक्षा करने वाली संस्था है। इसकी स्थापना 1992 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में है। सेबी यह तय करता है कि प्रतिभूति बाजार में सभी गतिविधियां पारदर्शी और निष्पक्ष हों। साथ ही निवेशकों के हितों के साथ किसी तरह खिलवाड़ न हो।

 

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