प्राइवेट हॉस्पिटल पर कसेगा शिकंजा, डेड बॉडी रोकी तो कार्रवाई - Khulasa Online प्राइवेट हॉस्पिटल पर कसेगा शिकंजा, डेड बॉडी रोकी तो कार्रवाई - Khulasa Online

प्राइवेट हॉस्पिटल पर कसेगा शिकंजा, डेड बॉडी रोकी तो कार्रवाई

खुलासा न्यूज, बीकानेर।  राजस्थान सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल का ड्राफ्ट जारी किया है। बिल के जरिए सरकार प्राइवेट अस्पतालों की ओर से की जाने वाली मनमानी को भी कंट्रोल कर सकेगी। प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु होने पर डेड बॉडी नहीं रोक सकेंगे। राजस्थान ‘स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम’ 2022 के नाम से जारी इस बिल के ड्राफ्ट पर स्वास्थ्य विभाग ने आमजन से आपत्ति व सुझाव मांगे है, जो 24 मार्च तक दिए जा सकेंगे।

बिल के अनुसार स्टेट और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर हेल्थ का गठन किया जाएगा। स्टेट लेवल अथॉरिटी का चैयरमेन राज्य का मुख्य सचिव होगा। जबकि सह अध्यक्ष के तौर पर चिकित्सा विभाग के सचिव होंगे। वहीं, निदेशक स्वास्थ्य विभाग को इस अथॉरिटी में मेम्बर सैक्रेट्री बनाया है। वहीं, 14 अलग-अलग डिपार्टमेंट के प्रतिनिधि बतौर सदस्य होंगे। वहीं डिस्ट्रिक्ट लेवल अथॉरिटी जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बनेगी।

 

नहीं रोक सकेंगे डेड बॉडी
प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु होने पर डेड बॉडी को रोक लेते है। वे तब तक डेड बॉडी मरीज के परिजनों को नहीं देते जब तक मरीज का परिजन इलाज का बकाया बिल पूरा जमा नहीं करवा देता। नए कानून में ऐसे अस्पताल संचालकों पर नकेल कसी गई है। इसमें ये प्रावधान किया गया है कि अस्पताल संचालक को हर हालत में मरीज की डेड बॉडी परिजन को देनी होगी।

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