
स्कूल संचालक कर सकेंगे नशा बेचने वालों का चालान






श्रीगंगानगर। इलाके में पोस्त, गांजा और स्मैक तथा अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री के खिलाफ हेल्थ डिपार्टमेंट ने मुहिम शुरू की है। इसके तहत सौ दिन का प्लान तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य नशे पर रोक लगाना है। इसी मुहिम के तहत स्कूल संचालकों को ही अब स्कूलों के असपास नशा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ऑथोराइज्ड कर दिया गया है। पहले ही तरह पुलिस की कार्रवाई भी जारी रहेगी। शनिवार को जिला स्वास्थ्य भवन में पत्रकारों से बातचीत में सीएमएचओ डॉ.गिरधारी लाल मेहरड़ा ने कहा कि नशे पर रोक लगाने के लिए सौ दिन का प्लान तैयार किया गया है।
दिए हैं दो-दो सौ रुपए के चालान
उन्होंने बताया कि इलाके में सामान्यत: स्कूलों के आसपास नशा बिकता है। इसकी चपेट में स्टूडेंट्स ज्यादा आते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूल के आसपास नशा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्कूल के एचएम को ही ऑथोराइज्ड कर दिया गया है। अब स्कूल संचालक ही ऐसे नशीली पदार्थ बेचने वालों का चालान कर सकता है। इसके लिए दो-दो सौ रुपए के चालान दिए गए हैं। किसी व्यक्ति के बार-बार कहने के भी नशा बेचने से नहीं रुकने पर ज्यादा राशि का भी चालान किया जा सकता है।
बताए नशे के नुकसान
नशे के नुकसान बताते हुए कहा गया कि डिपार्टमेंट का उद्देश्य इस हंड्रेड डे प्लान के जरिए रेवेन्यू जनरेट करना नहीं है। हो सकता है चालान दो सो से भी कम रुपए का कर दिया जाए लेकिन हमारा लक्ष्य नशा बेचने वालो तक यह संदेश देना है कि नशा बेचना अच्छा नहीं है। इससे लोगों को नुकसान होता है। उनका कहना था कि वैसे तो डिपार्टमेंट नशे के खिलाफ लगातार ही कार्रवाई करता है लेकिन अब आने वाले दिनों में सौ दिन तक लगातार इस तरह की कार्रवाई की जाएगी। जिससे नशा बेचने वाले कमजोर हों।


