श्रमिक दिवस पर सफाईकर्मियों का किया सम्मान - Khulasa Online श्रमिक दिवस पर सफाईकर्मियों का किया सम्मान - Khulasa Online

श्रमिक दिवस पर सफाईकर्मियों का किया सम्मान

बीकानेर। जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुक्रवार को श्रमिक दिवस पर संस्थान कार्यालय में अध्यक्ष अविनाश भार्गव ने सफाईकर्मियों का सम्मान किया तथा संस्थान के आसपास क्षेत्रों में जाकर मास्क व सेनेटाइजर वितरित किये। भार्गव ने कहा कि संस्थान द्वारा कोरोना वायरस की रोकथाम एवं लोगों की सुरक्षा को लेकर कोरोना योद्धाओं द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जहां एक और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराकर लोगों को घरों में रहने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को जागरूक कर रहे हैं। वहीं लोगों की सेवा के भी निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। संस्थान के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में निरंतर बिना मास्क के आने वाले लोगों को मास्क वितरित कर उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही संस्थान द्वारा लोगों से अपील भी की कि कोई भी बिना मास्क पहने बाजार नहीं निकले।

संस्थान के प्रभारी निदेशक ओमप्रकाश सुथार ने कहा कि इन दिनों कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए सम्पूर्ण प्रदेश को सुरक्षा की दृष्टि से लॉकडाउन किया गया है। इस लॉकडाउन के दौरान कुछ दुकानों को निर्धारित समय में खोले जाने की अनुमति भी दी गई है। जिस कारण लोग आवश्यक वस्तुओं को लेने के लिए सुबह के समय में बाजार आ रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का खतरा उत्पन्न न हो, इसके लिए बाजार में आने वाले लोगों को जिनके पास मास्क नहीं हैं, उनको कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव तथा उनकी सुरक्षा के लिए मास्क वितरण किये और उन्हें घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने की हिदायत भी दी।

संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी महेश उपाध्याय ने श्रमिक दिवस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि  हर साल 1 मई को दुनिया भर में  अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस, श्रम दिवस या मई दिवस  मनाया जाता है। इसे पहली बार 1 मई 1886 को मनाया गया था। भारत में इसे सबसे पहले 1 मई 1923 को मनाया गया था। जब लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने चेन्नई में इसकी शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य मजदूरों को सम्मान और हक दिलाना है।

इस मौके पर संस्थान के कार्यक्रम सहायक उमाशंकर आचार्य ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कहा कि 1 मई 1886 को अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत एक क्रांति के रूप में हुई थी। जब हजारों की संख्या में मजदूर सड़क पर आ गए। ये मजदूर लगातार 10-15 घंटे काम कराए जाने के खिलाफ थे।  इसके बाद 1889 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक हुई। इस बैठक में यह घोषणा की गई हर साल 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाएगा और इस दिन मजदूरों को छुट्टी दी जाएगी। साथ ही काम करने की अवधि केवल 8 घंटे होगी। इसके बाद से हर साल 1 मई को मजदूर दिवस मनाया जाता है। कार्यक्रम में कार्यक्रम सहायक तलत रियाज, वाहन चालक विष्णुदत्तर मारू, संतोष राजपूत, ओमप्रकाश राजपूत आदि शामिल थे।

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