हैदराबाद एनकाउंटर को SC जांच कमीशन ने बताया फेक: डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या केस में पुलिस ने किया था आरोपियों का एनउकाउंटर
तेलंगाना के हैदराबाद में हुए दिशा रेप एंड मर्डर केस में आरोपियों के एनकाउंटर को सुप्रीम कोर्ट के कमीशन ने फर्जी बताया है। साथ ही मामले में शामिल पुलिसकर्मियों पर मुकदमे की सिफारिश की है। जांच करने वाले सिरपूरकर कमीशन ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दिशा रेप केस में कथित चारों आरोपियों का फेक एनकाउंटर किया गया था।
जांच कमीशन में ये शामिल
रेप की वारदात के बाद आरोपियों के एनकाउंटर पर सवाल उठे थे। इसके बाद कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज, जस्टिस वीएस सिरपुरकर की अध्यक्षता में पैनल बनाकर जांच करने का आदेश दिया था। उनके अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस रेखा बालदोता और CBI के पूर्व निदेशक कार्तिकेयन भी इस कमीशन में शामिल थे।
दिशा एनकाउंटर मामला
हैदराबाद के पास शमशाबाद में 27 नवंबर 2019 को टू-व्हीलर का टायर पंक्चर होने के बाद एक टोल प्लाजा के पास इंतजार कर रही 26 वर्षीय वेटरनरी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। डॉक्टर का जला हुआ शव अगले दिन सुबह मिला था।
ये सभी ट्रक ड्राइवर और क्लीनर थे, जिन्होंने शराब पीने के बाद 7 घंटे तक डॉक्टर के साथ दरिंदगी की थी। इसके बाद पीड़ित को शादनगर के बाहरी इलाके में जला दिया था। इस मामले की देशभर में आलोचना हुई थी। इस घटना में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसी साल 6 दिसंबर को शादनगर के पास अपराध स्थल पर एनकाउंटर में चारों आरोपी मारे गए थे। इसे ही दिशा एनकाउंटर कहा जाता है।