एसबीआई का उपमहाप्रबंधक कार्यालय का स्थानान्तरण सौतेला व्यवहार 

एसबीआई का उपमहाप्रबंधक कार्यालय का स्थानान्तरण सौतेला व्यवहार 

बीकानेर। जिला उद्योग संघ अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया व विनोद गोयल ने वित्त मंत्री भारत सरकार निर्मला सीतारमण को बीकानेर से स्टेट बेंक ऑफ इंडिया के उपमहाप्रबंधक कार्यालय को जयपुर में समाहित करने के आदेशों को निरस्त करने हेतु पत्र भिजवाया। पत्र में बताया गया कि बैंकिंग सेक्टर के मामले में बीकानेर के साथ पिछले लंबे समय से काफी सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। बीकानेर रियासत में 30 दिसंबर 1944 को बैंक ऑफ बीकानेर लिमिटेड बनी थी। आजादी के बाद इसे स्टेट का दर्जा देते हुए स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर बना दिया गया और 18 साल बाद यानी 1 जनवरी 1963 को इसका स्टेट बैंक ऑफ जयपुर के साथ विलय कर इसे एसबीबीजे नाम दिया गया। तब से यह स्टेट बैंक के सहयोगी के रूप में तो काम कर रही थी, लेकिन बीकानेरवासियों को इसके बीकानेर नाम के साथ जुड़ाव महसूस होता रहा। फिर एक अप्रैल 2017 से एसबीबीजे को खत्म कर इसे एसबीआई में मर्ज कर दिया गया है और बैंकिंग सेक्टर में रियासत कालीन से चले आ रहे बीकानेर का नाम हटा दिया गया। तत्पश्चात बीकानेर में उपमहाप्रबंधक जिनको 30 करोड़ तक के स्वीकृति एवं अन्य स्वीकृतिया प्राप्त थी उनको भी कम करके 3 करोड़ रूपये तक कर दिया गया जिससे व्यापारी एवं उद्यमियों के स्वीकृति की पत्रावलियां जयपुर भेजी जाने लगी जिसमें नाहक ही समय बर्बाद होने लगा और बैंक अधिकारियों द्वारा व्यापारी व उद्यमियों की वस्तुस्थिति देखे बिना ही ऋण की स्वीकृतियां निरस्त कर दी जाने लगी।

अब एक बार फिर स्टेट बेंक ऑफ़ इंडिया ने तानाशाही रूख अपनाते हुए बीकानेर के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए बीकानेर के उपमहाप्रबंधक कार्यालय को हटाकर जयपुर में समाहित (मर्ज) कर दिया है जो कि बीकानेर के लिए एक बार फिर दुर्भाग्यपूर्ण फै सला है। इससे बीकानेर के व्यापारी व उद्यमियों को अब अपनी ऋ ण स्वीकृतियों के लिए जयपुर जाना पडेगा वर्तमान में जहां पूरा देश कोरोना वायरस से उत्पन्न इस महामारी का सामना कर रहा है और सभी व्यापारी व उद्यमी अपने अस्तित्व को बचाने की जुगत में लगे हुए हैं वहीं दूसरी और रिजर्व बैंक ने ऐसे निर्णय लेकर बीकानेर के औद्योगिक विकास के मार्ग में रोड़ा अटका दिया है। इस बाबत बीकानेर जिला उद्योग संघ ने अपने सभी सदस्यों को जो स्टेट बेंक ऑफ़ इंडिया में अपनी इकाइयों के खाते रखते हैं को बीकानेर के उपमहाप्रबंधक कार्यालय को हटाकर जयपुर में समाहित करने के विरोध में एक विरोध पत्र वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भिजवाने का आव्हान किया है।

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