
खिड़की से फेंककर बचाई पत्नी-बच्ची की जान:टक्कर के बाद आंखों के सामने ही जल रहा था ड्राइवर






बाड़मेर में जोधपुर नेशनल हाईवे पर बुधवार को हुई बस-ट्रेलर की टक्कर के बाद लगी आग में 12 लोगों की मौत हो गई। हादसे के दौरान प्रदीप भी अपनी पत्नी और बच्ची के साथ बस में चौथी सीट पर बैठे थे। उन्होंने बताया कि टक्कर के बाद तुरंत बस में आग लग गई। मेरी आंखों के सामने ही ड्राइवर जिंदा जल गया। आग बढ़ती देख पहले अपनी बेटी को खिड़की से बाहर फेंक दिया। फिर खुद भी बाहर कूद गया। पत्नी को जब तक बाहर निकाला वो 20 प्रतिशत जल चुकी थी।
7 घंटे बीतने पर भी नहीं संभल पाई
प्रदीप की 25 वर्षीय पत्नी पूजा 20 प्रतिशत जल चुकी है। जो अब भी सदमे में है। एमजीएच के बर्न युनिट में भर्ती पूजा रह-रह कर अपनी बेटी को याद कर रही है। पूजा की बेटी पीहू के सिर में चोट आई है। बच्ची का सिटी स्कैन हुआ, अब वह स्वस्थ है। उसे उसकी मौसी संभाल रही है।
आधे घंटे तक नहीं मिली बच्ची
प्रदीप ने बताया कि हादसे के बाद हर कहीं चीख सुनाई दे रही थी। आंखों के सामने कई लोग जल चुके थे। दोनों बस से बाहर आए, लेकिन बच्ची नहीं मिलने पर घबरा गए। खिड़की से कूदने पर प्रदीप के पांव में फ्रेक्चर हो गया था। घायल अवस्था में उसे अस्पताल लाया गया। इधर, पूजा के हाथ व पीठ जलने से वह भी घायल अवस्था में थी। बच्ची किसी और के पास थी। उसे भी सिर में चोट आई थी। पूजा ने वहां खड़े लोगों से बच्ची को ढूंढने को कहा, तब कही जाकर बच्ची मिल पाई। बालोतरा निवासी पूजा कि जीजा विष्णु ने बताया कि दुर्घटना होते ही अस्पताल में मरीजों को लाया गया। वहां से उन्हें सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंच कर अपनी साली पूजा के परिवार को नाहटा अस्पताल लाए। विष्णु ने बताया कि वहां रिफायनरी से काफी गाड़ीयां घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए पहुंची। उसी गाड़ी में वह पूजा के परिवार को जोधपुर ले आए।
आज सुबह हुआ था हादसा
बाड़मेर जिले के भांडियावास गांव के नजदीक आज बुधवार सुबह बस और ट्रेलर की आमने सामने जोरदार भिड़ंत हो गई। इससे निकली चिंगारी से बस और ट्रेलर में आग लग गई। सूचना मिलने पर पचपदरा, बालोतरा और निर्माणधीन रिफाइनरी की फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंचीं। तीन दमकलों ने आधे घंटे में दोनों वाहनों में लगी आग पर काबू पाया लेकिन इस बीच आग की लपटों में चपेट में आने से बस में सवार एक बच्ची सहित दस सवारियां जिंदा जल गईं।


