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रिश्वत लेते समय ट्रैप होने से बच गए, सत्यापन कराने के बाद अब एसीबी ने दर्ज कराए मामले

रिश्वत लेते समय ट्रैप होने से बच गए, सत्यापन कराने के बाद अब एसीबी ने दर्ज कराए मामले
बीकानेर। चूरू एसीबी ने चूरू व राजगढ़ में रिश्वत लेने के मामले में ट्रैप नहींहोने पर सत्यापन के आधार पररिश्वत की मांग के दो मामले ब्यूरो मुख्यालय, जयपुर में दर्ज करवाए।चूरू एसीबी के डीएसपी शब्बीरखान ने बताया कि चूरू में निर्माणस्वीकृति दिलवाने के नाम पर एकलाख रुपए की रिश्वत मांगे जानेका मामला दर्ज हुआ।इसी तरह राजगढ़ के स्कूल मेंउपस्थिति प्रमाण पत्र की एवज मेंएक हजार रुपए की मांग किए जानेका मामला दर्ज हुआ।
एसीबी केडीएसपी खान के अनुसार चूरू में अनिल कुमार ने 11 जुलाई कोएसीबी चौकी में पेश होकरशिकायत दर्ज करवाई कि उसनेसैनिक बस्ती स्थित प्लाट का व्यावसायिक रूपांतरण करवाकरनिर्माण स्वीकृति के लिए नगरपरिषद में छह महीने पहलेपत्रावली पेश की थी। इसके बादनगर परिषद द्वारा व्यावसायिकनिर्माण स्वीकृति के लिए बीकानेरजोन के वरिष्ठ नगर नियोजक कोतकनीकी राय के लिए पत्र लिखाथा। कई चक्कर लगाने के बादनगर परिषद में मिले त्रिवेंद्र नामकयुवक ने कहा कि आपकी निर्माणस्वीकृति की फाइल एसटीपीबीकानेर भेजी गई है। दो लाखरुपए लगेंगे बीकानेर व चूरू मेंसारा काम करवा दुंगा। इसके बादसे आरोपी उससे दो लाख रुपएकी मांग कर रहा है। एसीबी नेपरिवादी से एक लाख रुपए कीरिश्वत देते हुए आरोपी को ट्रेपकरने का प्रयास किया, लेकिनउसमें सफलता नहीं मिली। दूसरीतरफ परिवादी ने दो सितंबर कोचौकी में परिवाद पेश कर बतायाकि 21 अगस्त को उसके निर्माणसे संबंधित एनओसी जारी होकर चूरू नगर परिषद पहुंच गई, तो वहआगे किसी प्रकार की कोई कार्रवाईनहीं चाहता। परिवादी ने रिश्वत केतौर पर देने के लिए एसीबी में दिएगए एक लाख रुपए वापस लेलिए। एसीबी ने उक्त रुपए देकररसीद प्राप्त कर ली। मामले मेंएसीबी ने परिवादी कोडरा-धमकाकर वरिष्ठ नगरनियोजक से काम करवाने कीएवज में एक लाख रुपए कीरिश्वत मांगे जाना सत्यापित पाएजाने पर 24 दिसंबर को ब्यूरोमुख्यालय, जयपुर में मामला दर्जकरवाया।इसी तरह एसीबी के एएसआईगिरधारी सिंह के अनुसार राजगढक़े एक युवक छह सितंबर कोचूरू एसीबी में शिकायत दी किवह युवा संबल योजना के तहतराउप्रावि में अध्यापन का काम करताहै। वह स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाध्यापक जोगेंद्र के अगस्तमहीने की उपस्थिति प्रमाण पत्र लेनेगया, तो उन्होंने आगामी उपस्थितिप्रमाण पत्र में अनुपस्थिति नहींदिखाने की एवज में प्रति माह एकहजार रुपए की मांग की।
एसीबी नेसत्यापन के बाद आरोपी को रिश्वतलेते गिरफ्तार करने का प्लान बनाया,लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली।इसके बाद परिवादी ने बताया किआरोपी को संदेह हो गया है, इसकेचलते वह अब रिश्वत नहीं मांगरहा। एसीबी ने रिश्वत की मांग काअपराध प्रमाणित मानते हुए 26दिसंबर को ब्यूरो मुख्यालय, जयपुरमें मामला दर्ज करवाया। डीएसपीखान ने बताया कि चूरू वाले मामलेमें अन्य लोगों की भूमिका को भीसंदिग्ध मानते हुए जांच की जा रहीहै।

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