Gold Silver

सनातन धर्म के सच्चे सिपाही थे संवित् सोमगिरि जी महाराज

खुलासा न्यूज,बीकानेर। प्रात: स्मरणीय परम श्रद्धेय संवित् सोमगिरि जी महाराज का ब्रह्मलोक गमन सनातन धर्म की बड़ी क्षति है। वे परम ब्रह्म निष्ठ सांख्य दर्शन वेद वेदांत श्रुति उपनिषदों के प्रकांड विद्वान एवं ओजस्वी वक्ता थे। ये उद्गार बाबूलालशास्त्रीज्योतिष बोध संस्थान की ओर से आयोजित श्रद्वाजंलि सभा में ज्योतिषाचार्य पं राजेन्द्र किराडू ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि महाराज श्री ने अपने श्रीमदभगवद्गीता के ज्ञान की गंगा को निरंतर घरों,मंदिरों,मठों में प्रवाहित किया। जिसका परिणाम स्वरूप गीता का ज्ञान घर घर तक पहुंच सका। किराडू ने कहा वे वास्तव में ही सनातन धर्म के सच्चे सिपाही थे। जिनकी पूर्ति कर पाना संभव नहीं है। इस दौरान संस्था के अनेक जनों ने भी विचार रखे। बाद में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्वासुमन अर्पित किये।ब्रह्मलीन स्वामी संवित् सोमगिरि जी महाराज के प्रति इंटैक (बीकानेर चैप्टर) परिवार कोटि-कोटि नमन करते हुए अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
स्वामी जी महाराज के देवलोक गमन से बीकानेर ही नहीं अपितु संपूर्ण भारतवर्ष ने एक महान संत, महान आध्यात्मिक मनीषी, प्रकाण्ड विद्वान व श्रीमद्भगवगीता के उद्भट मीमांसाकार को खो दिया । एक महामानव को खो दिया। पूर्व में इंडियन नैशनल ट्रस्ट फाॅर आर्ट एण्ड कल्चरल हैरिटेज (भारतीय सांस्कृतिक विधि) बीकानेर चैप्टर के एक कार्यक्रम में स्वामी जी ने अपने उद्बोधन में विषय की बात तो विस्तार से बताई थी। साथ ही हमारी ’आध्यात्मिक विरासत’ का बहुत सुन्दर व विद्वतापूर्ण वर्णन दिया था।
इस भावांजलि कार्यक्रम में पृथ्वीराज रतनू (संयोजक), डाॅ0 नन्दलाल वर्मा (सहसंयोजक), अरूण प्रकाश गुप्ता (सहसंयोजक), सुनील बांठिया (कोषाध्यक्ष), मनमोहन कल्याणी, ओपी शर्मा, सुधा आचार्य, मोहन लाल जांगिड़, दिनेश चंद्र सक्सैना, डाॅ.मंजुला बारठ, डाॅ.शुक्लाबाला पुरोहित, भंवर सिंह राठौड़,अरविन्द सिंह राठौड़, हिंगलाजदान रतनू, निर्मल रतनू आदि समस्त इंटैक सदस्यों ने विनयभाव से श्रद्धासुमन अर्पित किए।

Join Whatsapp 26