वीकेंड बंधन से मिले मुक्ति तो रेस्तरां और कैफे व्यवसाय को मिले संजीवनी - Khulasa Online वीकेंड बंधन से मिले मुक्ति तो रेस्तरां और कैफे व्यवसाय को मिले संजीवनी - Khulasa Online

वीकेंड बंधन से मिले मुक्ति तो रेस्तरां और कैफे व्यवसाय को मिले संजीवनी

खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिला प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिये रात आठ बजे बाद लगाई गई पाबंदी के चलते जिले के रेस्तरां और कैफे व्यवसाय पर विपरित प्रभाव पड़ा है। हालात यह है कि यह व्यवसाय अब बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। जिसको लेकर रेस्तरां और कैफे एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को जिला कलेक्टर नमित मेहता से मिला और ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों पर चर्चा की। शिष्टमंडल ने बताया कि कोरोना के पांच महीनों में व्यवसाय के खर्चे, किराया, जीएसटी बिजली के बिल, स्टाफ की तनखा को वहन किया। कई कैफे और रेस्तरां बंद होने के कगार पर हैं। अभी लॉकडाउन खुलने के बावजूद समस्या बरकरार है क्योंकि रात 8:00 से 10:00 और वीकेंड पर इन्हें अपने व्यवसाय भी बंद करने पड़ते हैं, जिसके कारण इनके व्यवसाय की कमर पूरी तरह टूट चुकी है। यह समय उनके व्यवसाय के लिए सबसे ज्यादा बिजनेस का समय है ढ्ढ दूसरी ओर बड़े होटल एवं एमएनसी को राष्ट्रीय स्तर पर परमिशन है जिसका लोकल व छोटे रेस्तराँ और कैफे के व्यवसाय पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। एसोसिएशन ने कलेक्टर से अनुरोध किया कि उन्हें रात्रि 8:00 से 10:00 और वीकेंड बंधन से छूट मिले ताकि वे अपने आप को संभाल सके और नुकसान की कुछ भरपाई कर सकें। कलेक्टर ने हमारी समस्याओं को गौर से सुना और समाधान के लिए पूरा आश्वासन भी दिया। शिष्टमंडल में करण गौरी,लोकप्रिय कालरा,मानव पोपली,पंकज ओझा,प्रेम कुमार,गायत्री सिंह राठौड़ तथा ज्योति गौरी शामिल रही। इससे पहले 70 से ज्यादा रेस्तरां-कैफे व्यवसायी ने कलेक्ट्रेट पर पहुंचकर अपनी बात रखी।

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