
सफाई कर्मचारियों की कल से हड़ताल, सरकार से 11 सूत्री मांगों पर नहीं बनी सहमति, बोले- मांग नहीं मानी तो प्रदेशभर में बंद होगी सफाई




सफाई कर्मचारियों की कल से हड़ताल, सरकार से 11 सूत्री मांगों पर नहीं बनी सहमति, बोले- मांग नहीं मानी तो प्रदेशभर में बंद होगी सफाई
जयपुर। राजधानी में सफाई कर्मचारियों ने बुधवार से हड़ताल शुरू करने की घोषणा की। मोबाइल ऐप आधारित हाजिरी खत्म करने, लंबित भर्ती, पदोन्नति और ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर संयुक्त वाल्मीकि सफाई श्रमिक संगठनों ने अनिश्चितकालीन झाड़ू डाउन आंदोलन का ऐलान किया है।
संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि मांगें जल्द नहीं मानी गई तो आंदोलन को प्रदेशव्यापी किया जाएगा।
लालकोठी स्थित नगर निगम मुख्यालय में मंगलवार को सफाई कर्मचारियों की आमसभा आयोजित की गई। सभा के बाद कर्मचारियों ने झाड़ू छोड़ते हुए सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा की। साथ ही वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया का आमरण अनशन पांचवें दिन भी जारी रहा। हड़ताल शुरू होने के साथ ही शहर के अधिकांश वार्डों में सुबह से कचरा उठाने का कार्य बंद हो गया।
डंडोरिया ने कहा- कर्मचारी अब झाड़ू लगाने, कचरा संग्रहण, सीवर लाइन और नालों की सफाई के साथ रात्रिकालीन सड़क सफाई कोई काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा- आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार उनकी सभी मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं करती। उन्होंने कहा- कई महीनों से सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है। उन्होंने कहा कि न अनशन टूटेगा और न हड़ताल खत्म होगी।
जयपुर में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का प्रभाव बुधवार से बड़े पैमाने पर दिखाई देने की संभावना है। कचरा संग्रहण, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, बाजारों और मुख्य सड़कों की दैनिक सफाई जैसे महत्वपूर्ण कार्य रुक जाएंगे। इससे शहर के कई इलाकों में स्वच्छता संकट गहराने की संभावना है।
वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने कहा- जिस शहर को हम मेहनत से 16वें पायदान पर ला सकते हैं। वही शहर 1 से 200वीं रैंक तक कहीं भी जा सकता है। ये इस पर निर्भर करता है कि सरकार हमारी मांगों को कितनी गंभीरता से लेती है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की कोई भी मांग अनुचित नहीं है, लेकिन प्रशासन और सरकार सुनवाई नहीं कर रही।
सफाई कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
सफाई कर्मचारी मोबाइल ऐप आधारित हाजिरी व्यवस्था खत्म की जाए।
ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने, लंबित सफाई भर्ती तुरंत शुरू की जाए।
गंभीर बीमारी और मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नियुक्ति देने के साथ हो कोर्ट समझौते के पात्र कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र जारी करने जमादार से मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक तक पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हो।
दफ्तरों में बैठे कर्मचारियों को मूल सफाई कार्य में लगाने और जोखिम भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
समाधान नहीं हुआ तो राज्य में कर्मचारी करेंगे कार्य बहिष्कार
सफाई कर्मचारी के संगठनों ने कहा कि फिलहाल आंदोलन जयपुर तक सीमित है। अगर जल्द समाधान नहीं निकला पूरे राज्य में इसे फैलाया जाएगा। इस दौरान वाल्मीकि समाज से जुड़े अन्य विभागों में काम कर रहे कर्मचारी भी कार्य बहिष्कार करेंगे। वहीं पूरे विवाद पर निगम कमिश्नर डॉ. गौरव सैनी ने कर्मचारियों से बातचीत कर जल्द समाधान निकालने का आश्वासन दिया है।




