
नमक जरूरी है पर कितना: नमक हो सकता है सेहत का दुश्मन





खाने में नमक डालना भूल जाएं या नमक ज्यादा पड़ जाए तो…. कितने ही घरों में नमक को लेकर बड़ी-बड़ी लड़ाइयां हो जाती हैं। इसलिए हम सभी खाने में नमक की अहमियत जानते हैं। नमक न केवल स्वाद बल्कि सेहत के लिए भी बेहद जरूरी है। लेकिन नमक कितना लेना चाहिए, यह न जानना सेहत पर भारी पड़ सकता है ।नमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट का कहना है, ‘एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना एक चम्मच नमक सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है। नमक सोडियम का अच्छा स्रोत है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा लेने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के अलावा अन्य हेल्थ इशुज भी हो सकते हैं। सोडियम की नियमित मात्रा शरीर में ब्लड प्लाज्मा वॉल्युम और एसिड-बेस को मेंटेन करने के लिए जरूरी है। रोजाना 2300 मिलीग्राम्स नमक खाना सेहत के लिए फायदेमंद है। जो महिलाएं हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रही हैं वे 1000-1500 मिलीग्राम तक ही नमक लें। मतलब एक चम्मच नमक का दो तिहाई।
सोडियम सिर्फ नमक में ही नहीं होता बल्कि पैकेज्ड फूड जैसे नमकीन, अचार, चिप्स, बिस्कुट आदि में भी होता है। अगर आप अपनी डाइट में सोडियम लेवल को कम करना चाहते हैं तो फूड लेबल को जरूर पढ़ें। अगर फूड पैकेज पर पांच प्रतिशत डीवी यानी डेली वेल्यु लिखा है तो इसका मतलब है कि इसमें लो सोडियम है। पैकेज पर लिखा है 20% DV (डेली वैल्यु) सोडियम तो इसे न खरीदें। यह सोडियम की अधिक मात्रा को दिखाता है।
किस नमक में क्या है खूबी?
टेबल सॉल्ट
हमारे घरों में टेबल सॉल्ट इस्तेमाल किया जाता है, यह आयोडाइज्ड होता है। इसमें आयोडीन की कम मात्रा होती है। आयोडीन एक जरूरी पदार्थ है जो थायरॉयड ग्रंथियां थायरॉयड हार्मोन का प्रोडक्शन करता है। कई लोग आयोडीन की कमी से भी जूझ रहे हैं, इसलिए सरकार ने नमक को आयोडाइज्ड करने का फैसला लिया। जो लोग हाइपोथायरोडिज्म से जूझ रहे हैं वे आयोडाइज्ड नमक ले सकते हैं और वे लोग जो हाइपोथायरायडिज्म से ग्रसित हैं वे लिमिटिड मात्रा में आयोडाइज्ड नमक लें।
हिमालयन पिंक सॉल्ट
सेंधा नमक को हिमालयन पिंक सॉल्ट कहा जाता है। यह नमक दिखने में गुलाबी होती है और सबसे शुद्ध नमक माना जाता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम और मैग्नेशियम की सीमित मात्रा पाई जाता है। साथ ही रेगुलर टेबल सॉल्ट के मुकाबले कम सोडियम होता है। इसमें पाए जाने वाले खनिज इसे और ज्यादा गुणकारी बना देती है। इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स जैसे पोटैशियम और मैंग्नेशियम की मात्रा शरीर में सोडियम की जरूरत को भी पूरा कर देती है। साथ ही सोडियम के नेगेटिव इफैक्ट्स को भी रोकता है। इसका स्वाद ट्रेडिशनल टेबल सॉल्ट के मुकाबले कम नमकीन होता है, लेकिन यह स्वाद में थोड़ा मीठा होता है। जिस वजह से केक और कुकीज को बनाने में ज्यादा काम आता है।
कोशर सॉल्ट
टेबल सॉल्ट की तुलना में कोशर सॉल्ट मोटा है। यह आसानी से घुल जाता है, इसलिए ऑल-पर्पज कुकिंग में आसानी से इस्तेमाल किया जाता है। इस नमक में आयोडीन की मात्रा नहीं होती। यह नमक ज्यादातर नॉन वेज में छिड़कने के काम आता है।
सेंधा नमक
सेंधा नमक में मिनरल्स जैसे पोटैशियम, आयरन और सोडियम क्लोराइड होता है। यह नमक पेट संबंधी परेशानियों को दूर करता और साथ ही पेट की परेशानियों को भी दूर रखता है।
काला नमक
यह नमक हिमालय में पाई जाने वाली चट्टानों से बनाया जाता है। इसकी स्मेल भी तीखी होती है। इसकी इतनी स्ट्रांग स्मेल इसमें पाए जाने वाले सल्फर की वजह से होती है। आयुर्वेद में भी इसके फायदे बताए गए हैं। यह कब्ज की समस्या को कम करता है।
नमक खाना कैसे कम करें?
- न्यूट्रीशन फैक्ट्स लेबल्स को पढ़ें।
- इंस्टैंट मील्स का उपभोग कम करें और खुद खाना बनाएं।
- फ्रोजन फ्रूट्स और वेजिटेबल्स की जगह फ्रेश खरीदें।
- खाने में अलग से नमक न मिलाएं।
- नमक की जगह मसालों को डालें।
इस तरह से आप नमक की सही मात्रा को अपनी सेहत की थाली में शामिल कर सकते हैं। बाजार से नमक खरीदते समय यहां बताई गई जानकारी का उपयोग कर सकते हैं।


