बीकानेर का सागर गांव जहां आज भी सिर्फ एक मंजिल ही घर - Khulasa Online बीकानेर का सागर गांव जहां आज भी सिर्फ एक मंजिल ही घर - Khulasa Online

बीकानेर का सागर गांव जहां आज भी सिर्फ एक मंजिल ही घर

बीकानेर. जहां एक ओर देश में बड़ी-बड़ी इमारतें बनाने में होड़ लगी रहती है, वहीं दूसरी ओर बीकानेर से सटा एक गांव सागर में लोग दो मंजिल का मकान बनाने से डरते है। अनहोनी की आशंका के चलते लोग दूसरी मंजिल नहीं बनाते है। जानकारों के मुताबिक गांव में सती माता का मंदिर ग्रामीणों के लिए आस्था का केन्द्र बना हुआ है। पूरे गांव के लिए हर कार्यक्रम में सबसे पहले सती माता को याद करते है तथा पूजा-अर्चना करते है। मानते है कि कोई भूल जाता है तो उसके कार्य में बाधा आ जाती है। साल में कई बार मंदिर में जागरण होता है, जिसमें ग्रामीण श्रद्धा के साथ भाग लेते है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 5 से 10 घरों को छोड़कर सभी मकान सिर्फ एक मंजिल के ही बने हुए है। जिसे यहां की भाषा में मालिया बोलते है। ग्रामीणों का मानना है कि सती माता की ध्वजा की ऊंचाई से ऊपर अगर मकान का मालिया बन जाता है कोई अनहोनी घटती है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सुरक्षित रहना है तो दूसरी मंजिल नहीं बनाना है। भाजपा किसान मोर्चा के विनोद कुमार व्यास ने बताया कि यह गांव काफी साल पुराना है। गांव में पुराने कई सालों से एक ही मंजिल के घर बने हुए है, लेकिन कुछ मकान भी दूसरी मंजिल बनाने की कोशिश की थी, लेकिन उनके घर में कोई न कोई अनहोनी घटती है जिसके कारण वापिस सिर्फ एक ही मंजिल बनाते है। वहीं अब कुछ लोग इन बातों को नकार कर दो मंजिल बना भी रहे है और उनके घरों में किसी भी तरह की कोई दिक्कत व परेशानी नहीं है। अगर उनके घर में कोई परेशानी होती भी है तो वे इस पहलू को परेशानी का कारण नहीं मानते है।

इनका कहना है
ग्रामीणों में सती माता को लेकर आस्था है। गांव में 5 से 10 घर ही दूसरी मंजिल के है बाकी ज्यादातर घर एक मंजिल ही है। अंधविश्वास की बाते है मुझे तो नहीं लगता है कोई धारणा होगी।
रामदयाल गोदारा, सरपंच, रिडमलसर पुरोहितान सागर

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